वक्रासन कैसे करते हैं वक्रासन करने का लाभ और सावधानियां

वक्रासन क्या है (Vakrasana kya hai)


 हिंदी के वक्र शब्द से लिया गया है वक्र का अर्थ होता है मुड़ा हुआ या "टेढ़ा" वक्रासन करते समय हमारी रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो जाती है इसी कारण इस आसन का नाम वक्रासन पड़ा वक्रासन बहुत ही सरलता से सीखा जा सकता है वक्रासन करने के बहुत से अनेकों लाभ हैं वक्रासन करने से पीठ हड्डी मजबूत होती है और डिप्रेशन दूर होता है।


वक्रासन करने की सही विधि(Vakrasana karane ki Sahi vidhi)

साफ सुथरी जगह पर खुले स्थान में समतल स्थान पर बैठ जाएंगे उसके बाद अपने पैरों को सामने की ओर फैला देंगे पैरों के बीच में कोई गैप नहीं रहेगा इसके बाद बाएं पैर को मोरते हुए दाहिने पैर के घुटने के बगल ले आएंगे और बाय  हाथ को पीठ के पीछे 1 फुट की दूरी पर जमीन पर स्पर्श करते हुए  रखेंगे इसके बाद दाहिने हाथ से दाहिने पैर के बाय  साइड से हाथ को डालते हुए दाहिने पैर ेके घुटना छूने का प्रयास करेंगे ऐसा करने पर हमारे पेट में खिंचाव होगा इस स्थिति में सांसों की गति सामान्य रहेगा । वक्रासन की मुद्रा बनाई है वैसे ही इस मुद्रा को तोड़ते हुए दूसरे पर दाहिने पैर से वैसे ही करेंगे शुरुआत में यह आसन 3 से 5 बार तक करेंगे।

वक्रासन करने से लाभ(Vakrasana karane se labh)

मधुमेह रोग में लाभ वक्रासन मधुमेह और डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए बहुत ही उत्तम आसन है वक्रासन करते समय हमारे पेनक्रियाज पर बल लगता है जिससे पेनक्रियाज इंसुलिन सही मात्रा में रिसाव करता है।

पेट की चर्बी कम करने में लाभ इस आसन के लगातार अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम हो जाती है और वेट संतुलन बनाए रखता है शरीर में सबसे ज्यादा चर्बी पेट पर हो जाता है।

रीढ की हड्डी को मजबूत बनाने में लाभ रीड की हड्डी को मजबूत बनाता है शरीर में लचीलापन आता है वक्रासन रीड की हड्डी के लिए रामबाण आसन है।

तंत्रिका तंत्र मजबूत करने में लाभ वक्रासन के निरंतर अभ्यास से हमारे शरीर में तंत्रिका तंत्र मजबूत हो जाता है और स्फूर्ति प्रदान करता है।

गर्दन के दर्द में लाभ वक्रासन के नियमित अभ्यास करने से गर्दन के दर्द में आराम मिलता है।

कमर दर्द में लाभ वक्रासन करने से कमर के दर्द में लाभ मिलता है वक्रासन आसन के प्रतिदिन अभ्यास करने से समाप्त हो जाता है।

कब्ज में लाभ जिन व्यक्तियों को शौच क्रिया में अधिक समय लगता है या कई बार जाना पड़ता है खुलकर साफ नहीं होता है तो उनके लिए वक्रासन बहुत लाभदायक होता है वक्रासन करते समय दाएं बाएं घूमना यह पेट की मसाज कर देता है।

एब्स को मजबूत बनाने में लाभ वक्रासन का नियमित अभ्यास करने से एब्स मजबूत हो जाता है और यह आसन मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

शरीर को लचीलापन बनाने में लाभ वक्रासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन आता है विशेष रुप से कूल्ह और रीढ़ की में लचीलापन लता है। शरीर में ऊर्जा भर देता है और साथ ही साथ गर्दन और कंधे को भी लाभ प्रदान करता है।

शरीर को डिटॉक्स करने में लाभ शरीर के अंदर उपस्थित आवश्यक पदार्थों को वक्रासन बाहर निकालने में सहायक होता है अवशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर को स्वस्थ बनाता है और शरीर को असमय बीमार होने से रोकता है।

मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाने में लाभ प्रतिदिन वक्रासन करने के अभ्यास से शरीर के अंदर का कचरा बाहर निकल जाता है कब्जियत दूर हो जाती है भूख लगने लगती है पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है।और शरीर को स्वस्थ बनाता है।

साइटिका के दर्द में लाभ  वक्रासन करने से शरीर की थकावट दूर होती है। साइटिका के मरीजों को वक्रासन प्रतिदिन कर सकते हैं।

पाचन तंत्र मजबूत करने में लाभ आसन के नियमित अभ्यास से पेट के आंतरिक क्रिया सक्रिय हो जाती है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है पाचन तंत्र मजबूत होने से भूख का लगना खाया पिया सही समय पर पच जाना पेट से संबंधित क्रियाओं को दुरुस्त रखता है।

डायबिटीज में लाभ वक्रासन करने से मधुमेह में लाभ मिलता है वक्रासन करने से अग्नाशय में क्रिया-प्रतिक्रिया होती है जिससे इंसुलिन का रिसाव सामान्य होने लगता है मधुमेह में वक्रासन करना लाभदायक है।

पेट घटाने में लाभ वक्रासन करने से शरीर में जमा हुआ फैट धीमे-धीमे कम होने लगता है शरीर को स्लिम और फिट बना देता है।

शारीरिक गर्मी को शांत करने में लाभ वक्रासन करने से शरीर के आंतरिक तथा बाह्य गर्मी को शांत करने में सहायक होता है वक्रासन करने से शरीर की गर्मी शांत होती है।

वक्रासन करते समय सावधानियां(Vakrasana karate samay savdhaniya)

रीड की हड्डी में दर्द वक्रासन करते समय रीढ़ की हड्डी में दर्द हो तो वक्रासन को करना बंद कर दें। ठीक होने पर पुनः प्रारंभ कर सकते हैं।

अन्य कोई गंभीर बीमारी शरीर में अन्य किसी प्रकार की भी कोई गंभीर बीमारी है तो वक्रासन ना करें शरीर रोग मुक्त होने के बाद ही आसन को प्रारंभ करें।

डायरिया य अस्थमा डायरिया, अस्थमा होने पर वक्रासन ना करें ऐसा करने पर शरीर पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
गर्दन में दर्द जिन साधकों के गर्दन में दर्द हो तो वक्रासन ना करें दर्द होने पर वक्रासन किया जाए तो दर्द बढ़ सकता है।
कंधे में दर्द जिन साधकों के कंधे में दर्द है वह साधक वक्रासन ना करें।

हृदय रोग उच्च रक्तचाप ऐसे साधक जो हृदय रोगी हैं या उच्च रक्तचाप से ग्रसित है वह साधक वक्रासन ना करें।

डॉक्टर की सलाह अगर आप पहले किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थे और जल्द ही निजात पाए हैं तो वक्रासन करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श करेले की वक्रासन करना उचित है या नहीं जैसा डॉक्टर सलाह दे उसी के अनुसार वक्रासन को करना प्रारंभ करें।

प्रशिक्षित योग ट्रेनर प्रशिक्षित योग ट्रेनर के देखरेख में ही वक्रासन को करना प्रारंभ करें जब पूर्णता को प्राप्त हो जाएं तब स्वयं से ही आसन को दोहरा सकते हैं।

सही पोजीशन का ध्यान रखना वक्रासन करते समय सही posture का ध्यान रखना पैर और कंधों की स्थिति सही दिशा में होना और स्थिति में होना चाहिए। पैर को जितना मोड़ना चाहिए उतना ही मोड़े न कम और न ही ज्यादा पैर मोड़ते समय जल्दबजी न करें और न ही बलपूर्वक पैर को मोडे।

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