Psychology And cdp Pedagogy का uptet Nots

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यूपीटीईटी मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र: एक व्यापक मार्गदर्शिका

यूपीटीईटी (उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा) में बाल मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र का एक महत्वपूर्ण खंड शामिल होता है। यह खंड महत्वाकांक्षी शिक्षकों के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह बच्चों के सीखने और विकास के तरीके के साथ-साथ शिक्षण की प्रभावी विधियों की उनकी समझ का परीक्षण करता है। परीक्षा के इस भाग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए, मुख्य अवधारणाओं पर मजबूत पकड़ होना महत्वपूर्ण है।
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बाल मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र के प्रमुख विषय

यूपीटीईटी मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र पाठ्यक्रम में कई विषय शामिल हैं। यहाँ सबसे महत्वपूर्ण विषयों का विवरण दिया गया है:

  1. बाल विकास: यह खंड बच्चे के विकास के विभिन्न चरणों, जैसे शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक विकास पर केंद्रित है। विकासात्मक मील के पत्थर और विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना महत्वपूर्ण है।
  2. सीखना: यह विषय सीखने के विभिन्न सिद्धांतों, जैसे व्यवहारवाद, संज्ञानवाद, और संरचनावाद की पड़ताल करता है। इसमें प्रेरणा, स्मृति और समस्या-समाधान जैसी अवधारणाएँ भी शामिल हैं।
  3. शिक्षाशास्त्रीय मुद्दे: यह भाग शिक्षण के व्यावहारिक पहलुओं से संबंधित है। इसमें कक्षा प्रबंधन, समावेशी शिक्षा, आकलन और मूल्यांकन जैसे विषय शामिल हैं। [समावेशी कक्षा में विविध छात्रों की छवि]
  4. व्यक्तिगत भिन्नताएँ: यह पहचानना कि प्रत्येक बच्चा अद्वितीय है, शिक्षण का एक मौलिक पहलू है। यह खंड बुद्धि, व्यक्तित्व और प्रतिभा जैसे विषयों को शामिल करता है।
  5. शिक्षण विधियाँ: पाठ्यक्रम में विभिन्न शिक्षण पद्धतियाँ और उनका अनुप्रयोग भी शामिल है, जैसे व्याख्यान विधि, परियोजना विधि और पूछताछ-आधारित शिक्षण।
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प्रभावी ढंग से तैयारी कैसे करें

यूपीटीईटी मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र अनुभाग की तैयारी के लिए, इन युक्तियों का पालन करें:
  1. पाठ्यक्रम को समझें: शुरू करने से पहले, आधिकारिक यूपीटीईटी पाठ्यक्रम को देखें। इसमें शामिल किए जाने वाले सभी विषयों की सूची बनाएं।
  2. विश्वसनीय स्रोतों से अध्ययन करें: प्रतिष्ठित प्रकाशनों से अच्छी किताबों और यूपीटीईटी मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र पीडीएफ नोट्स का उपयोग करें।
  3. पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें: पिछले प्रश्नपत्रों को हल करना तैयारी के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। यह आपको परीक्षा पैटर्न और पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार को समझने में मदद करता है।
  4. अपने स्वयं के नोट्स बनाएं: जैसे-जैसे आप अध्ययन करते हैं, संक्षिप्त नोट्स बनाएं। यह आपको जल्दी से संशोधन करने और महत्वपूर्ण बिंदुओं को याद रखने में मदद करेगा।
  5. रट्टा मारने के बजाय अवधारणाओं पर ध्यान दें: प्रश्न अक्सर वैचारिक होते हैं। मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र के सिद्धांतों की गहरी समझ आपको उनका सही उत्तर देने में मदद करेगी।

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र खंड केवल अंक प्राप्त करने के बारे में नहीं है। यह आपको एक शिक्षक के रूप में आपकी भूमिका के लिए तैयार करता है। यह आपको अपने छात्रों को बेहतर ढंग से समझने, एक प्रभावी शिक्षण वातावरण बनाने और उनकी विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के ज्ञान और कौशल से लैस करता है। इन अवधारणाओं में महारत हासिल करके, आप सिर्फ एक परीक्षा की तैयारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि आप शिक्षा में एक संतोषजनक करियर के लिए तैयारी कर रहे हैं।

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