मकरासन कैसे करते हैं - करने से लाभ और सावधानियां क्या है

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मकरासन को दूसरे कई नामों से भी जाना जाता है मकरासन को  अंग्रेजी में "Cobra pose yoga" कहते हैं मकरासन संस्कृत भाषा के मकर शब्द से लिया गया है मकर का अर्थ "मगरमच्छ" होता है इस आसन का नाम मकरासन इसलिए रखा गया है कि आसन करते समय इसके आकृति मगर के समान हो जाती है। मकरासन कैसे करते हैं लेख में जानेंगे कि सही विधि क्या है लाभ तथा सावधानी क्या है।

मकरासन कैसे करते हैं (Makasana kaise karte hai)

खुले में समतल स्थान पर योगा मैटी बिछाकर के उसके ऊपर पेट के बल लेट जाएंगे ठोड़ी (Chin ) छाती जमीन को स्पर्श करेगा। फिर पैरों के बीच में मैटी के बराबर दूरी करेंगे उसके बाद अपने दोनों हाथ को धीमे धीमे उठाते हुए दोनों गाल पर लगा लेंगे और शरीर के अगला हिस्सा ऊपर की ओर उठा लेंगे अब दोनों पैर से धीमे-धीमे घुटने से नीचे का भाग ऊपर की ओर और नीचे की ओर चलाएंगे ऐसे ही यह क्रिया 8 से 10 बार प्रारंभिक दौर में करेंगे और जब पूर्णतया मकरासन को जान जाए तब मकरासन करने की संख्या बढ़ा दे।

मकरासन करने के लाभ (makarasana karane ke labh)

  1. रीढ़ की हड्डी में समस्या में लाभ जिन योग साधकों को रीढ़ की हड्डी में गंभीर समस्या है। वह योग साधक मकरासन करने से रीढ़ की समस्या को दूर कर सकता है, नियमित अभ्यास से रीढ़ में आई हुई वितरित दूर हो जाती है। किसी साधक में ऐसा देखने को मिलता है कि वह आगे की तरह झुका हुआ होता है मकरासन करने से साधक का शरीर बिल्कुल सीधे हो जाएगी।
  2. कमर दर्द में लाभ मकरासन करने से कमर दर्द में बहुत लाभ मिलता है मकरासन बहुत ही आसान आसन होता है यह ऐसी स्थित होती है जिसमें रोगी को सफलतापूर्वक लेट करके करना होता है।
  3. अवसाद में लाभ इस भौतिक जगत में देखती तमाम तरह की चिंताओं से ग्रसित होता है पैसे में व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है डिप्रेशन से निकलने के लिए मकरासन का नियमित अभ्यास करने से रोगी को लाभ मिलता है।
  4. थकान दूर करने में लाभ दिनभर की भागदौड़ में थकान होना लाजमी है थकान आने पर हमारा शरीर शिथिल पड़ जाता है मकरासन करने से थकान दूर हो जाता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है।
  5. दमा में लाभ जिन व्यक्तियों को दमा की शिकायत है वह व्यक्ति नियमित मकरासन का अभ्यास करें इससे उसके दमा में लाभ मिलेगा।
  6. वात रोग में लाभ वात रोग से ग्रस्त व्यक्ति प्रतिदिन मकरासन आसन का अभ्यास करें इस आसन के अभ्यास से वात की रोग की समस्या कम हो सकती है।
  7. मानसिक रोग में लाभ वैसे तो मानसिक रोग कई तरह के होते हैं अगर कहा जाए कि हर मानसिक रोग में मकरासन लाभदायक है तो संभव नहीं है हां लेकिन अगर शुरुआती दौर में मानसिक रोग है तो इस आसन को करने से मन शांत होने लगता है और लाभ पहुंचाता है।
  8. कंधों में अकड़न में लाभ बड़ती अवस्था के कारण में कंधों की मांस पेशियों में जकड़न आना शुरू हो जाता है जिससे कदमों में है दर्द उत्पन्न होना आरंभ हो जाता है पूरा हाथ ऊपर की तरफ नहीं उठ पाता है ऐसी स्थिति में कंधों में दर्द उत्पन्न होना प्रारंभ हो जाता है मकर आसन के नियमित अभ्यास से कंधों में अकड़न दूर हो जाती है।
  9. अनिद्रा में लाभ तनाव एवं भाग दौड़ भरी जिंदगी में अनिद्रा आज के समय में सामान्य बीमारी बन गई है अधिकतर हर व्यक्ति इस से ग्रसित है मकरासन करने से अनिद्रा की समस्या समाप्त हो सकती है।
  10. माइग्रेशन में लाभ जिन व्यक्तियों को लगातार सर में दर्द बना रहता है उन व्यक्तियों को मकरासन करने से लाभ मिल सकता है।
  11. कब्ज में लाभ  जिन को कब्जियत की शिकायत रहती है उनके लिए मकरासन बहुत लाभदायक है प्रतिदिन आसन करने से कब्जियत में सुधार कम कर के लाभ मिलता है।

  12. मकरासन बहुत ही आसान आसन है इस आसन को लगातार करने से हमारे शरीर में निम्न प्रकार की बीमारियां दूर होती है मकर आसन के योगा अभ्यास रीड की हड्डी की समस्या दूर हो जाती है जिन लोगों के कमर में दर्द बना रहता है उनके लिए यह आसन बहुत ही अच्छा आसन है या आसन डिप्रेशन, माइग्रेशन को दूर करता है थकान दूर करने के साथ-साथ दमा ,वात रोग तनाव,मानसिक रोग, कंधे का अकड़न, गर्दन में दर्द,इस आसन के नियमित अभ्यास करने से अनिद्रा दूर हो जाती है

मकरासन करते समय सावधानियां (Makarasana karate samay savdhaniya)

  • सही स्थान का चयन करना मकरासन करने के लिए सही स्थान का चयन करना अत्यंत आवश्यक है आसन जहां पर कर रहे हो वहां की भूमि समतल होनी चाहिए उबड़ खाबड़ नहीं होनी चाहिए और एक कुचालक वस्त्र के ऊपर लेट करके खुले वातावरण में आसन को करना चाहिए।
  • पेट खाली होना चाहिए मकरासन करते समय ध्यान रखने योग्य बात यह है कि खाना खाने के तुरंत बाद मकरासन को नहीं करना चाहिए खाना खाने के पूर्व मकरासन को करें या खाना खाने के पश्चात 2 से 3 घंटे के बाद ही आसन को करें।
  • जल्दबाजी में आसन ना करें बहुत ही सरलता पूर्वक सांस को भरते हुए स्टेप बाई स्टेप मकरासन को करना चाहिए। जल्दबाजी करने पर कंधों में खिंचाव या कमर में खिंचाव आ सकता है ऐसा करने से बचें।
  • शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द ना हो मकरासन करते समय ध्यान रखें कि कंधों में, गर्दन में, कमर में, चोट य दर्द ना हो ऐसा होने पर मकर आसन का अभ्यास ना करें।
  • एक ही स्थित में अधिक समय ना रहे मकरासन आसन करते समय ध्यान रखने वाली बात है कि प्रारंभिक दौर में एक ही स्थित में ज्यादा देर तक ना रहे।
  • बल पूर्वक आसन ना करें प्रारंभिक दौर में नए साधक मकरासन को बलपूर्वक करने लगते हैं ऐसा करने से बचें जितना हो सके उतना ही करें।
  • उच्च रक्तचाप (high blood pressure) जिन साधकों को उच्च रक्तचाप की शिकायत हो है वह साधक मकरासन को ना करें या प्रशिक्षित योग शिक्षक के देखरेख में आसन को करे।
  • सीने में दर्द जिन साधकों को सीने में भयंकर दर्द है वह साधक मकरासन को ना करें।
  • पेट में दर्द जिनके पेट में भयंकर दर्द है वह साधक मकरासन को ना करें।

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