पेशीय गति विज्ञान का अर्थ और परिभाषा (Meaning and definition of kinesiology)

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(Meaning of kinesiology) पेशीय गति विज्ञान प्राणी जगतकी विज्ञान का अर्थ। 

Kinesiology को दो और नामों से जाना जाता है पेशीय गति विज्ञान, और प्राणी गतकी विज्ञान। Kinesiology उस शाखा को कहा जाता है जिसके अंदर जीव के गति सम्बंधी क्रियाओं का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है। पेशीय गति विज्ञान के अंदर शरीर की उनकी क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। शरीर की बनावट, मांसपेशी, haddiyon की बनावट, जोड़, तथा उनके कार्य करने की तन्त्र जो जीव गति प्रदान करते है । इन क्रियाओं का अध्ययन kinesiology के अंतर्गत किया जाता है।

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"पेशीय गति विज्ञान का अर्थ और परिभाषा "(Meaning and definition of kinesiology)

Meaning of kinesiology in physical education in hindiKinesiology की कई definition हैं। Kinesiology यूनानी भाषा से लिया गया है ; जिसका अर्थ है - 'गति' ( Motion) । ये दो शब्दों के मेल से बना है ' किन्सी ' (kinsi) जिसका अर्थ हैं ' गति ' तथा ' आलोगी ' ( Ology ) जिसका अर्थ है  - 'विज्ञान' ।


Kinesiology tape को विभिन्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है।

(१) यह गती का वैज्ञानिक अध्ययन है।
(२) इस विज्ञान के द्वारा माननीय गतिविधियों का विश्लेषण किया जाता है।
पेशीय गति विज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and definition of kinesiology) B.P.ED नोट्स

पेशीय गति विज्ञान के सिद्धांत।(Principles of kinesiology )

पेशीय गति विज्ञान निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित है ___
  1. शारीरिक रचना तथा कार्य विज्ञान ( Structure and Functions)- रचना के अंतर्गत तंतु, मांस पेशी ऊतक (muscle fibre) तथा मांसपेशियों का ज्ञान प्राप्त किया जाता है तथा कार्य विज्ञान में तंतुओं का कार्य जाना जाता है।
  2. गति विज्ञान के यांत्रिक नियम ( Mechanical laws of motor system) - इसके अंतर्गत मनुष्य के शरीर की गतिविधियों की जानकारी को प्राप्त करते हैं और यह भी पता लगाते हैं कि किस गति के लिए किस शक्ति की आवश्यकता पड़ती है।और यह भी पता लगाते हैं की गुरुत्व केंद्र ( center of gravity) को किसी भी कार्य में कैसे प्रयोग में लाया जाए।
  3. गति कार्यों के स्थान (Location of moments)- गति की दूरी (Range of motion) ।
  4. पेशियों की गति के स्रोत - मांसपेशियां कैसे उत्तेजित होती हैं इसके अंतर्गत जानकारी प्राप्त करते हैं। कैसे शक्ति लेती है, उनका ताल मेल कैसे होता है, कैसे कार्य करती है तथा कैसे थकान लगती है।
  5. क्रीडा संबंधी उपकरण (implements) उपयोग में लाना -उपकरणों पर उनका प्रयोग करते समय किस प्रकार से गुरुत्व, गतिशीलता (Movement)  दूरी तथा प्राकृतिक बाधाओं में किस प्रकार कार्य करती है ।
  6. गतिप्रणाली का प्रयोग - जिस प्रकार मानव काम शक्ति द्वारा अधिकार कर सकता है और अपने क्षेत्र में निपुणता प्राप्त कर सकता है।

किंसियोलॉजी का शारीरिक शिक्षा में लाभ (kinesiology is the study of)

किंसियोलॉजी दूसरे विज्ञानों के तथ्यों को तथा उनके सिद्धांतों को इकट्ठा करती है और शारीरिक शिक्षा की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयोग में लाती है। दूसरे विज्ञान जैसे शारीरिक रचना (Anatomy), क्रिया विज्ञान (Physiology), भौतिक शास्त्र (Physics) तथा जीव विज्ञान (Biology)।
किंसियोलॉजी भिन्न-भन्न गधों की जांच पड़ताल तथा उनका विश्लेषण करती हैं अध्यापक जब किसी क्रिया(Activity) को सिखाना चाहता हूं वह अपने उद्देश्य के अनुसार तथा लड़कों के स्तर को सामने रखकर सिखाने वाली क्रियाओं को छोटे भागों में बांट है और जिनके द्वारा लड़के उस क्रिया को जल्दी सीख जाते हैं।
किंसियोलॉजी के अध्ययन से एक अध्यापक किसी क्रिया को अच्छे ढंग से सिखा सकता है क्योंकि वह प्रत्येक सीखने वाली क्रिया को विश्लेषण करते हुए उनकी अच्छी प्रकार से जांच पड़ताल कर लेता है जो कि शिष्यो के अस्तर के अनुसार।
किंसियोलॉजी मनुष्य की गतिविधियों की योग्यता संबंधी समस्याओं का समाधान करता है और यह बतलाता है कि वह कम से कम शक्ति और समय के द्वारा अधिक से अधिक योग्यता किस प्रकार प्राप्त कर सके।
किंसियोलॉजी हमें विभिन्न प्रकार के शारीरिक आसनों को करना सिखाती है जो कि मानव के किसी कार्य को पूरा करने के लिए एक यांत्रिक समस्या है यह समस्या उसकी गुरुत्व (Gravity), दबाव (Stress), खिंचाव (Strain) और मांसपेशियों की शक्ति तथा स्वास्थ्य से संबंधित है। शारीरिक शिक्षा का अध्ययन किंसियोलॉजी के सिद्धांतों को अच्छी प्रकार से समझा कर उच्च स्तरीय ढंग को अपनाता है।
किंसियोलॉजी द्वारा हम सबसे उत्तम कार्यकत्रियों का ज्ञान करते हैं और विश्लेषण करते हैं कि जो कार्य गति सिखाई जा रही है उसमें क्या कमी है और हम इस उद्देश्य से सीखने वालों को उनके अत्यधिक उन्नति का मार्ग दर्शन उनकी शक्ति तथा सीमाओं के अनुकूल सिखाते हैं।
किंसियोलॉजी द्वारा हम खेल कूद संबंधी चोटों से अपना बचाव कर सकते हैं। हमें इसी के ज्ञान से यह मालूम हो जाता है कि मांस पेशियां कौन सी हड्डी से संबंधित है उनका कार्यक्षेत्र क्या है यदि यह चोट खा जाए तो किस प्रकार से उन को ठीक किया जा सकता है।
इसीके ज्ञान से खेल संबंधी सामान का कपड़ों तथा खेल के मैदान का अपने शरीर के अनुसार तथा अपनी रूचि के अनुसार प्रयोग करते हैं। इसके द्वारा मनुष्य की सूचियों की तथा उसकी शक्तियों की जानकारी होती है।

जैव-यांत्रिकी शारिरिक शिक्षा

 (Meaning And importance of biomechanics in sports)

biomechanics and kinesiology खेल जैव-यांत्रिकी में विभिन्न प्रकार की गति का मूल्यांकन किनेमैटिक्स के उपयोग द्वारा किया जाता है जिसमें गति के दौरान दूरी समय पर वेद कोण आदि का मूल्यांकन किया जाता है खेल प्रशिक्षण के दौरान जंप, ट्रैक आफ का समय, शारीरिक वेग एवं गुरुत्व केंद्र आदि का विश्लेषण किया जाता है।


जैव यांत्रिकी से संबंधित शब्दों की परिभाषा

यांत्रिकी (Mechanics) इसको भौतिक विज्ञान की उस शाखा में रखा गया है, जिसमें वस्तु की गति संबंधी अध्ययन किया जाता है, जबकि उस पर कोई बल क्रियाशील हो।
पेशीय गति विज्ञान (Kinesiology) मानव का शरीर किस प्रकार बल उत्पन्न कर शरीर को गति प्रदान करता है इसका अध्ययन किस विज्ञान के अंतर्गत किया जाता है।

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