इस आलेख से आप जानेंगे कि शिक्षा क्या है ( Shiksha kya hai) और साथ ही इस लेख के माध्यम से जानेंगे शिक्षा की परिभाषा, शिक्षा की प्रकित, शिक्षा का महत्व तथा शारिरिक शिक्षा क्या है शारिरिक शिक्षा के अंतरगत जानेंगे की समाज में शारीरिक शिक्षा क्या महत्व है।
क्या है शिक्षा( kya hai Shiksha)?
शिक्षा ऐसी प्रक्रिय है जिसके माध्यम से सीखना और सीखना होता है। जो संपूर्ण जीवन काल तक चलती रहती है। जीवन में चलने वाली प्रक्रियो से शिक्षा का आशय है। जो व्यक्तियो को अनुभव से प्राप्त होता है। तथा उसका मार्ग प्रशस्त करता है।
शिक्षा की प्रक्रिया जिसे सीखने की प्रकिया भी कहते है यह प्रकिया जन्म से लेकर मृत्यु काल तक चली रहती है। अब तक आप ने जाना क्या है शिक्षा ।
शिक्षा शब्द का अर्थ
संस्कृति भाषा के मूल शब्द से शिक्षा शब्द अवतरित हुआ है शिक्षा का मूल अर्थ है ज्ञानार्जन करना । इसे दूसरे शब्दों में कहा जाए तो शिक्षा ऐसी प्रक्रिया है जिससे सतत ज्ञान प्राप्त होता है
शिक्षा शब्द का अंग्रेजी रूपांतरण Education है अंग्रेज़ी में एजुकेशन शब्द लैटिन भाषा के "Educatum" से लिया गया है।
शिक्षा के मुख्य उद्देश्य
- संपूर्ण वातावरण में अनुकूलन का उद्देश्य की प्राप्ति।
- लोकतांत्रिक रूप में सफलता की प्राप्ति का उद्देश्य।
- जीवन में पूर्णतया ज्ञान प्राप्त करने का उद्देश्य।
- सामाजिक तथा व्यायसायिक उद्देश्य प्राप्ति।
- सर्वांगीण विकास का उद्देश्य प्राप्ति।
- मानसिक विकास का उद्देश्य प्राप्ति।
- विकास का उद्देश्य प्राप्ति ।
- कल्चर का उद्देश्य प्राप्ति ।
- सामाजिक उत्थान की प्राप्ति का उद्देश्य।
- अच्छे चरित्र का निर्माण उद्देश्य प्राप्ति।
- ज्ञान का अर्जन करना उद्देश्य।
शिक्षा की प्रकृति
- शिक्षा सतत प्रक्रिया में जीवन प्रयत्न चलती रहती है।
- शिक्षा त्रिमुखी रूप में बालक का विकास करता है।
- शिक्षा विद्यार्थी , पाठयक्रम और समाजिक रूप से सामिल होते है तथा शिक्षा समाजिक विकास की अति महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
- शिक्षा के द्वारा बालको में आंतरिक विकास होता है।
प्रिय पाठको अभी तक आप ने जाना क्या है शिक्षा ? (Kya hai Shiksha) अब आप जानेंगे शारीरिक शिक्षा की परिभाषा।
शारीरिक शिक्षा का अर्थ (Meaning of Physical Education)
शारीरिक शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है शरीर की शिक्षा परन्तु भाव केवल शरीर तक ही सीमित नहीं है बल्कि काफी विस्तृत है कभी इसको शारीरिक प्रशिक्षण कहा गया है तो कभी शारीरिक संस्कृति, एक आम व्यक्ति शारीरिक शिक्षा को शारीरिक क्रिया ही मानता है। शारीरिक शिक्षा को केवल शारीरिक क्रिया या शारीरिक क्रियाओं का समूह मानना शारीरिक शिक्षा के साथ अन्याय करना है। क्योंकि शिक्षा शब्द का उपयोग शरीर के साथ किया गया है। वहाँ शारीरिक शिक्षा से अभिप्राय उस शिक्षा से है जिसका सम्बन्ध शारीरिक क्रियाओं व शरीर से होता है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति विशेष का सर्वागीण विकास सम्भव होता है। इस शिक्षा का क्षेत्र काफी व्यापक है. क्योंकि शारीरिक शिक्षा में शिक्षा शब्द का प्रयोग किया गया है।
शारीरिक शिक्षा परिभाषा
शारीरिक शिक्षा, विषय में व्यक्ति की समस्त शारीरिक गतिविधियों, क्षमताओं, क्रियाओं, विकास के समस्त पहलुओं, विकास में गति अवरोध करने वाले तत्वों तथा उनके समाधान का अध्ययन किया जाता है। विभिन्न शिक्षा शास्त्रियों ने शारीरिक शिक्षा की परिभाषा निम्न प्रकार से दी है।
डैर्बट ओबीओफर (Delbert Oberteuffer) के अनुसार "शारीरिक शिक्षा उन अनुभवों का सामूहिक प्रभाव है जो व्यक्ति विशेष की प्रक्रिया (शारीरिक आन्दोलन) से प्राप्त होते हैं"
उपरोक्त परिभाषा में अनुभव व प्रक्रिया शब्द पर विशेष बल दिया गया है। यहाँ पर अनुभव का भाव समस्त शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास से है।
जै. बी. नेश (J. B. Nash) के अनुसार, "शारीरिक शिक्षा, शिक्षा के सम्पूर्ण क्षेत्र का वह भाव है, जिसका सम्बन्ध बृहत पेशी प्रक्रियाओं तथा उनसे सम्बन्धित अनुक्रियाओं के साथ है।"
चार्ल्स ए. बुशर (Charles A. Bucher) के अनुसार, "शारीरिक शिक्षा सम्पूर्ण शिक्षा प्रबन्ध का एक अभिन्न अंग है तथा जिसका ध्येय उन शारीरिक प्रक्रियाओं के माध्यम से है जिनका चयन शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक तथा सामाजिक दृष्टि से स्वस्थ नागरिकों का निर्माण करने जैसे उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये किया गया है।"
आशा करते हैं कि क्या है शिक्षा( kya hai Shiksha) लेख के माध्यम से मेरे द्वारा प्रदान की गई जानकारी आपके काम की होगी अगर आपको कोई भी सुझाव या जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट करके सूचित करें।