आज इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री (first education minister of india in hindi) कैन थे । भारत में स्वतंत्रता के बाद प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में मौलाना अबुल कलाम आजाद जाने जाते हैं। देश में 11 नवंबर को उनके जन्म दिवस पर शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मौलाना अबुल कलाम आजाद एक अच्छे शिक्षा मंत्री के साथ ही वे एक स्वतंत्रता सेनानी, वकील,पत्रकार तथा राजनीतिक भी थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद जी शिक्षा के धनी व्यक्ति थे और भी राष्ट्र शिक्षा के लिए समर्पित थे।
Education Minister Of India संक्षिप्त परिचय।
नाम | परिचय |
पूरा नाम | (मैलाना आजाद)अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल-हुसैनी आज़ाद |
जन्म तिथि | मक्का ,11 नवंबर 1888 |
मृत्यु | दिल्ली, भारत 22 फरवरी 1958 |
भाषा ज्ञान | आरबी,बंगला,फारसी,हिंदी |
सुरूवत | प्रारम्भ में पत्रकार थे |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सामिल हुए |
भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री | 1947 से 1958 तक |
मौलाना आजाद कलाम द्वारा लिखित पुस्तकों के नाम | तज़किराह, ग़ुबर-ए-खतीर, भारत ने आज़ादी हासिल की, तर्जुमन अल-क़ुरान, |
पुरस्कार | 1992 भारत रत्न |
भारतीय शिक्षा दिवस | 11 नवंबर |
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (Maulana Abul Kalam Azad) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, तथा राष्ट्रीय नेता थे। वे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में सहयोगी थे तथा भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री भी बने। उनकी जीवनी में अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 11 नवम्बर, 1888 में मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता मौलाना शेख आज़ाद एक स्वतंत्रता सेनानी थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का बचपन संघर्ष पूर्ण था।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने हिंदी से अंग्रेजी तक कई भाषाओं में लेख लिखे थे जो स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय जनता को देश के प्रति जगाते थे। उनकी सबसे प्रसिद्ध हिंदी भाषा में लिखी गई पुस्तक "गुरुजी" है जो स्वतंत्रता संग्राम में बहुत ही लोकप्रिय हुई थी।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री (First Education Minister of India)भी बने।
अभी तक आप ने जाना की भारत में प्रथम भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री (first education minister of india in hindi) के बारे में और अब आप जानेंगे की भारत में स्वतंत्रता के बाद की शिक्षा तथा शिक्षा मंत्री के बारे में ।
भारत में स्वतंत्रता के बाद शिक्षा (First Education Minister of india After Independence)
स्वतंत्रता के बाद शिक्षा की दृष्टि से मौलाना अबुल आजाद कलाम का योगदान शिक्षा के प्रति अतुलनीय था। संविधान सभा में भागीदारी करते हुए भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में उनको चुना गया। मैलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, विश्वविद्यालई शिक्षा और संस्थानों को स्थापित करने के साथ ही साथ स्नातक तथा अनुसंधान को बढ़ावा दिया।
1947 से 1958 तक भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद कलाम पद पर आसीन रहे। आजाद कलाम ने शिक्षा में सुधार करते हुए 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा कर दिया उन्होंने बताया कि शिक्षा मौलिक अधिकार है।
मौलना अबुल आजाद कलाम के नाम पर विद्यालय
- जामिया मिलिया इस्लामिया।
- मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली।
- हैदराबाद में मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय।
- मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल।
- फार्मेसी, रायपुर ऑफ मौलाना अबुल कलाम आजाद ।
- प्राथमिक और सामाजिक शिक्षा केंद्र मौलाना आज़ाद (MACESE दिल्ली विश्वविद्यालय)।
- प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मौलाना अबुल कलाम आज़ाद कोलकाता ।
- मौलाना आज़ाद कॉलेज ऑफ आर्ट्स - साइंस एंड कॉमर्स
- मौलाना आज़ाद पुस्तकालय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
- मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, उज्जैन
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FAQ.
1.भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री का क्या नाम है।
Ans.मौलाना अब्दुल आजाद कलाम