न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 पीडीएफ | new education policy 2022 pdf in hindi | नई शिक्षा नीति 2020 नियम | नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु pdf
न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 : हाल के वर्षों में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 यानी की नई शिक्षा नीति में बदलाव किया है। इससे पहले आखरीबार सन् 1986 में नई शिक्षा नीति लागू की गयी थी। जैसा की आप सभी को अवगत है की किसी भी देश की उन्नति उस देश की शिक्षा पर निर्भर होती है क्यों कि जब देश की कार्यशील जनता पढ़ेगी लिखेगी तभी देश का चौमुखी विकास होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए समय - समय सरकार न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू करती रहती है।
मानव संसाधन प्रबंधन द्वारा 2020 में भारत सरकार ने इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन एक समिति का गठन किया गया समिति के सिफारिशों के आधार पर न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू किया गया। जो कि 5+3+3+4 सिद्धांत पर New Education policy 2020 आधारित है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से बताएंगे नई शिक्षा नीति के बारे में।
नई शिक्षा नीति 2020 (Education Policy 2020 pdf) संक्षिप्त जानकारी।
संक्षिप्त | जानकारी |
नई शिक्षा नीति नाम | राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 |
कब से लागू हुआ | 2020 |
कौन लागू किया | शिक्षा मंत्रालय (मानव संसाधन प्रबंधन) |
लाभार्थी | देश के छात्र, छात्रा और उनके परिजन |
वर्ष | 2020 |
सम्बन्धित विभाग | मानव संसाधन प्रबंधन |
पैटर्न | 5+3+3+4 |
नई शिक्षा नीति 2020
देश में 2020 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लांच किया गया है। इसरो प्रमुख डा० के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता बनाया गया है। नई शिक्षा नीति में जो फिर बदलाव किए गए हैं उसको नई शिक्षा नीति में रिव्लोशन माना गया है नई शिक्षा नीति लागू करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करना तथा भारत को महाशक्ति बनाना। इसके साथ ही एक और बड़ा बदलाव किया गया है मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को अब शिक्षा मंत्रालय नाम कर दिया गया है।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 2030 तक भारत देश के सभी स्कूलो में Grf के तहत पूर्व माध्यमिक विद्यालय से लेकर माध्यमिक विद्यालय तक पूर्णरूपेण सार्वभौमीकरण किया जाएगा (कानून की पढ़ाई और मेडिकल की पढ़ाई को शामिल नहीं किया जाएगा) देश में जो 10+2 की पढ़ाई चलती थी अब वह 5+3+3+4 के अनुसार पढ़ाई चलेगी।
नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु pdf
नई शिक्षा नीति 2020 में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बल दिया गया है। यहां कुछ प्रमुख बिंदु हैं।
- शैक्षिक नीति का संरचनात्मक परिवर्तन: नई शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा के कई क्षेत्रों में परिवर्तन की योजना बनाई है, जिसमें प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा को सम्मिलित किया गया है।
- नया शैक्षणिक पद्धति: शैक्षणिक पद्धति में परिवर्तन करने के लिए, नई शिक्षा नीति 2020 ने 5+3+3+4 पद्धति का प्रस्ताव रखा है। इसका मतलब है कि शिक्षा को 3 वर्ष की आयु से शुरू करके 18 वर्ष की आयु तक विस्तृत किया जाएगा।
- बुनियादी शिक्षा में परिवर्तन: बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव किए जाने का प्रावधान है। इसमें प्राथमिक शिक्षा के लिए 5 वर्ष की आयु से 3 वर्ष की आयु तक का शिक्षण शामिल होगा।
- अनुशासन, सामान्यतः ज्ञान और कौशल: नई शिक्षा नीति 2020 अनुशासन, सामान्यतः ज्ञान और कौशलों को महत्वपूर्ण मानती है। इसका मकसद छात्रों को सिर्फ ज्ञान के लिए नहीं, बल्क कौशलों के विकास के लिए तैयार करना है।
- नये विषयों की प्रवेशिका: नई शिक्षा नीति 2020 में कई नए विषयों को प्रवेशिका में शामिल किया गया है, जिनमें तकनीकी विद्यालय, लवन्य कला, समावेशी शिक्षा, सम्प्रेषण तकनीक, स्वास्थ्य और जीविका उत्पादन शामिल हैं।
- भारतीय भाषाओं के प्रयोग: नई शिक्षा नीति 2020 में भारतीय भाषाओं को प्रमुखता दी गई है और उन्हें प्राथमिक और माध्यमिक स्तरों पर प्रयोग करने का प्रावधान है।
- गुरुकुल प्रणाली: नई शिक्षा नीति 2020 ने गुरुकुल प्रणाली को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है, जिसमें छात्रों को गुरुकुल विद्या प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
ये केवल कुछ मुख्य बिंदुगत हैं और भी नई शिक्षा नीति 2020 में अन्य बहुत सारे बिंदु शामिल हैं। इस नीति का मकसद भारतीय शैक्षणिक प्रणाली को मौलिक रूप से बदलना और छात्रों के संपूर्ण विकास को समर्पित करना है।
डैशबोर्ड लाइव किया जाएगा न्यू एजुकेशन पॉलिसी आयोग के अनुसार।
देश में न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू की गई है उसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। डैशबोर्ड का निर्माण शिक्षा नीति पर नजर रखने के लिए बनाया गया है। डैशबोर्ड के माध्यम से नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर नजर बनाई जा सके। प्राथमिक,माध्यमिक,कालेज और विश्व विद्यालय में भी नई शिक्षा नीति लागू होगी। और इसके अलावा कुछ राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश, गोवा, कर्नाटक आदि में टास्क फोर्स टीम का गठन कर दिया गया है। जिसका काम रहेगा की नई शिक्षा नीति में आई हुई चुनौतियों पर नजर रखना । टास्क फ़ोर्स का काम रहेगा न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू कैसे काम कर रही है इससे क्या बदलाव आए है,क्या परेशानी रही है , इससे क्या बदलाव आए है। उस पर प्रत्येक मासिक और त्रिमासिक समीक्षा के आधार पर क्रियान्वित से सम्बन्धित इसका अध्यन करेगी।
नई शिक्षा नीति 2020 ( review & implemented)
New education policy 2020 के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की कमेटी गठन किया गया है। गठित कमेटी का मुख्य उद्देश्य रहेगा कि क्या देश में नई शिक्षा नीति के तहत वर्तमान समय में क्या चल रहा है। और इसके साथ ही इसका कार्य रिव्यू का रहेगा और इसमें क्या इंप्लीमेंट करने की अवश्यकत है। इनके विषय मे अनुसंधान करेगी।
NCC कोर्स कालेज के कोर्स में सामिल होगा।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी देश में लागू होते ही एनसीसी कोर्स विद्यालय विश्वविद्यालय में लागू कर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में एनसीसी को महत्व दिया गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए एनसीईआरटी और यूजीसी के द्वारा एक वैकल्पिक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। नई शिक्षा नीति आयोग में जो बदलाव हुआ है यह बड़ा बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
एनसीसी के द्वारा छात्रों में देशभक्ति अनुशासन स्वाबलंबी भावना को विकसित करना है। और यह एक वैकल्पिक क्रैडिट कोर्स में है।
परामर्श नेशनल एजुकेशन पॉलिसी
- 1986 में सर्वप्रथम देश में शिक्षा नीति बनाई गई थी और इसे 1992 में संशोधित किया गया था।
- नई शिक्षा नीति को लागू हुए अब तक 10 दशक बीत चुके हैं।
- इस परिवर्तन के आने के बाद समाज कई सारे परिवर्तन को देखेगा।
- परिवर्तन के आए हुए काफी समय हो गया था इन्ही शैक्षिक बातों को ध्यान में रखते हुए सन 2020 में नई शिक्षा नीति लागू की गई। छात्रों में नई शिक्षा नीति की मांग बहुत तेज थी।
- नई शिक्षा नीति को बनाते हुए शिक्षा के क्षेत्र के एक्सपर्ट लोगों की सलाह से नई शिक्षा नीति 2020 बनाई गई है।
- नई शिक्षा नीति बनाते समय लोगों से ऑनलाइन अपने अपने विचार मांगे गए थे। लोगों के कई तरह के विचार आए थे उन विचारों को भी ध्यान दिया गया है।
- 22 भाषाओं में नई शिक्षा नीति को देश में लागू किया गया था जिस पर मंत्रालय ने सभी लोगों के सुझाव मांगे थे जो भी सुझाव मिला उससे इसमें बदलाव किया गया।
नई शिक्षा नीति सिद्धांत (principle of new education policy)
- छात्र-छात्राओं की क्षमता को पहचान कर उनकी क्षमता को विकसित करना।
- छात्र-छात्राओं को संख्यात्मक और साक्षर ज्ञान के प्रति जागृत करना।
- देश में जो पूर्व शिक्षा नीति लागू थी उससे भी लचीला बनाना।
- छात्र छात्राओं के लिए एक सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली बनाना।
- शिक्षा नीति के अनुसार छात्र छात्राओं में गुणवत्ता लाना हुआ बदलाव आना।
- छात्र छात्राओं के लिए उत्कृष्ट स्तर पर शोध अध्ययन करना।
- तकनीकी माध्यम से भी शिक्षा को बढ़ावा देना।
- छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के अनुसार मूल्यांकन पर जोर देना।
- छात्राओं की सूची तार्किक तथा सकारात्मक बनाना।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत सार्थक योजना का क्रियान्वयन ।
अर्थात योजना को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शुरुआत की गई है। एक वर्ष में बन कर तैयार योजना न्यू एजुकेशन पॉलिसी के साथ सम्पूर्ण देश में लागू कर दी जाएगी। इसके तहत सार्थक योजना को परिभाषित किया गया है। सार्थक योजना के तहत एजुकेशन की प्रारूप एजुकेशन विभाग द्वारा तयार की गई है।
सार्थक योजना का पुरा नाम
नई शिक्षा नीति में एक योजना लागू की गई है उस योजना का नाम ( Sarthaq) है चलिए जानते है सार्थक का क्या अर्थ , स्टूडेंट एंड टीचर हॉलिस्टिक एडवर्टिस्मेंट थॉट क्वालटी एजुकेशन है।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी की समीक्षा
न्यू एजुकेशन पॉलिसी में समय - समय पर समीक्षा करने का प्रावधान किया गया है छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा में क्या नया आया है, क्या लक्ष है, क्या यह छात्र-छात्राओं की नीति उद्धेश की पूर्ति करेगी।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी की समीक्षा करने हेतु शिक्षा मंत्रालय द्वारा ड्राफ्ट का निर्माण कराया गया है । क्रियात्मक रूप से सन 2020 तक तयार कर लिया गया था। देश का सभी राज्यों तथा कींद्रशासित प्रदेशों से न्यू एजुकेशन पॉलिसी का फीड बैक मांगा गया था।
5+3+3+4 पैटर्न पर होगी स्कूली शिक्षा
न्यू एजुकेशन पॉलिसी में 5+3+3+4 क्या है ?: इसी पैटर्न पर स्कूली शिक्षा छात्र छात्राओं को शिक्षा दी जाएगी। नई शिक्षा नीति लागू होते ही इसी पैटर्न पर विद्यालयों में शिक्षा प्रदान की जाएगी। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत छात्र छात्राओं को चरणबद्ध तरीके से शिक्षा प्रदान की जाएगी । प्राथमिक चरण 3 से 8 वर्ष तक, द्वितीय चरण में 9 से 11 वर्ष तक, तृतीय वर्ष में 12 से 14 वर्ष, एवं अंतिम चतुर्थ चरण में 15 से 18 वर्ष तक की शिक्षा दी जाएगी।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी की विशेषताएं
- इस योजना के लागू होने के बाद यह मानव संस्थान और विकास मंत्रालय के बाद जहां शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
- शिक्षा का सार्वभौमीकरण न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत किया जाएगा। इस पॉलिसी के तहत लॉ की पढ़ाई तथा मेडिकल की पढ़ाई को सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
- पहले की शिक्षा नीति में 10+2 की पद्धति अपनाई जाती थी अब यह पद्धति 5+3+3+4 की पद्धति अपनाई जाएगी कक्षा 12 उत्तीर्ण करने से पहले 3 वर्ष पढ़ना होगा।
- कक्षा 6 से ही व्यवहारिक तथा व्यवसायिक शिक्षा का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। छात्र-छात्राओं की व्यावहारिक व व्यवसाय बनाया जाएगा।
- न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत कक्षा 5 तक की शिक्षा को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी जैसे तेलुगू, कनाडा, तमिल आदि भाषा।
- इससे पहले कक्षा 11 और 12 में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय होते थे परंतु अब यह संकाय नहीं रहेगा अब छात्र छात्रा अपने मनचाहे विषय को चुन सकते हैं।
- स्थानीय भाषा को बढ़ावा दिया जाएगा तथा कक्षा 6 के छात्रों को कोडिंग भी सिखाया जाएगा।
- शिक्षा नीति के तहत लैब को डिवेलप किया जाएगा।
- और साथ ही साथ स्नातक की कक्षाओं को भी परिवर्तित किया जा सकता है जो पहले 3 वर्ष का होता था अब 4 वर्ष का हो सकता है।
- कानून की शिक्षा तथा मेडिकल की शिक्षा को इससे बाहर रखा जाएगा तथा सभी शिक्षा का एकमात्र यही निकाय होगा इस शिक्षा के लिए प्रतिबंधित होगा।