Bal Manovigyan Ke Janak Kaun Hai | बाल मनोविज्ञान के जनक कौन हैं

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इस लेख के माध्यम से जानेंगे बाल मनोविज्ञान के जनक कौन है। किसे Father of child philosophy (बाल मनोविज्ञान के पिता) कहा जाता है, के बारे में पुरी जानकारी।सबसे पहले Bal manovigyan ke Janak (बाल मनोविज्ञान के जनक कौन है) के बारे में जानेंगे फिर सिद्धांत के बारे में और अंत में तो पूर्ण बिंदु के बारे में जानेंगे।

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बाल मनोविज्ञान के जनक कौन हैं (Bal Manovigyan ke Janak Kaun Hai)

बाल मनोविज्ञान के जनक जीन पियाजे (Jean Piaget) माने जाते हैं। उन्होंने बाल मनोविज्ञान के क्षेत्र में अपने कार्यों से इस क्षेत्र का विकास किया था। पियाजे ने बच्चों के मन के विकास को अध्ययन किया था और उनके साथ-साथ बच्चों के विभिन्न उम्र के स्तरों का भी अध्ययन किया था। उन्होंने अपनी थ्योरी के अनुसार बच्चों का मन उनके विकास के विभिन्न स्तरों से गुजरता है और उनकी सोच और व्यवहार भी इन स्तरों से बदलते रहते हैं।

Bal manovigyan ke Janak Kaun Hai | बाल मनोविज्ञान के जनक कौन हैं

जीन पियाजे जी के अलावा बाल मनोविज्ञान के कुछ अन्य प्रमुख विद्वान हैं। निम्नलिखित हैं-

लेव व्हिगोत्स्की (Lev Vygotsky): उन्होंने सामाजिक परिवेश में शिक्षा की महत्ता को उजागर किया और साथ ही चार अंशों को जोड़कर एक संपूर्ण विकास मॉडल बनाया था।

एल्स्वर्थ (Erik Erikson): उन्होंने बच्चों के प्रत्येक विकास के अवधि को एक विशिष्ट सामाजिक-व्यक्तिगत संक्रमण या विकास क्रम माना था।

ब्रुनर (Jerome Bruner): उन्होंने अभिव्यक्ति के माध्यम से शिक्षा के महत्व को उजागर किया था।

मारिया मोंटेस्सोरी (Maria Montessori): उन्होंने शिक्षा को स्वतंत्र और स्वाभाविक रूप से होने देने की महत्ता को उजागर किया था।

ये विद्वान बाल मनोविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेषताएं लाने के लिए जाने जाते हैं। कुछ और विश्व प्रसिद्ध बाल मनोविज्ञानी विद्वान हैं जो बाल मनोविज्ञान के क्षेत्र में अपने योगदानों से जाने जाते हैं। निम्नलिखित हैं-

जीन गैस्टोन बोयस (Jean Gaston Piaget): स्विट्जरलैंड के मूल निवासी थे और उन्होंने बाल मनोविज्ञान की एक संगठित थ्योरी विकसित की थी।

बर्ट एडलर (Alfred Adler): उन्होंने सोशल प्रभावों के महत्व को उजागर किया था।

जेम्स मार्क बाल्टन (James Mark Baldwin): उन्होंने संचार, अभिव्यक्ति और मन के संबंध को उत्पन्न करने में शिक्षा का महत्त्व बताया था।

लॉरेंस कोह्लबर्ग (Lawrence Kohlberg): उन्होंने नैतिक विकास के लिए एक अभिकल्पित विकास मॉडल विकसित किया था।

जॉन बोल्वी (John Bowlby): उन्होंने बच्चों की संलग्नता, नाभि केंद्रितता और अंग्रेजी मातृभाषा के विकास के लिए अपने अनुसंधानों का उपयोग किया था।

इन विश्व प्रसिद्ध बाल मनोविज्ञानी विद्वानों ने बाल मनोविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेषताएं लाने के लिए इन विश्व प्रसिद्ध बाल मनोविज्ञानी विद्वानों ने बाल मनोविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेषताएं लाने के लिए एक संगठित ढंग से अपने अनुसंधान कार्यों को शुरू किया। उन्होंने बच्चों के मानसिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर अपने अनुसंधान कार्यों को केंद्रित किया था। इसके अलावा वे इस क्षेत्र में अपनी नई और संगठित थ्योरीज और व्यवहार विज्ञान के अनुसार अनुसंधान कार्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहे हैं। इन बाल मनोविज्ञानी विद्वानों के योगदानों के कारण हम अब बच्चों के मानसिक विकास के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानते हैं। अभी तक आप ने Bal manovigyan ke Janak कौन है के बारे में जाना अब जानिए बाल मनोविज्ञान के पितामह कौन हैं और बाल मनोविज्ञान के सिद्धांत क्या है।

बाल मनोविज्ञान का अर्थ (Bal manovigyan ka Arth)

बाल मनोविज्ञान का अर्थ है शिशु एवं बच्चों के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण और उनकी व्यक्तिगत विकास एवं समस्याओं के समाधान के लिए उनकी समझ बढ़ाने का क्षेत्र। इसमें शिशु एवं बच्चों के शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक, बौद्धिक और व्यावहारिक विकास के समस्त पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। बाल मनोविज्ञान विशेष रूप से शिशु एवं बच्चों के शिक्षा, पालन-पोषण, समस्याओं के समाधान और उनके संचार क्षेत्र के लिए उपयोगी होता है।

बाल मनोविज्ञान में मुख्य रूप से बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास और संचार के विषय पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसमें बच्चों के मन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन, जैसे कि उनके विचार, भावनाएं, भाषा, समझौते और संचार कौशल के विकास का अध्ययन किया जाता है।

इस विषय में अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं में शामिल हैं

  1. शिशु और बच्चों के सामाजिक और भावनात्मक विकास का अध्ययन।
  2. शिशु एवं बच्चों में विभिन्न विकलांगताओं और मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए अध्ययन और उपचार की तकनीकों का विश्लेषण।
  3. शिशु और बच्चों के विकास में परिवार, समाज और स्कूल के भूमिका का अध्ययन।
  4. बच्चों में संचार संबंधी समस्याओं का अध्ययन, जैसे कि विवादों का समाधान और सही संचार कौशल का विकास।

बाल मनोवैज्ञानिक अध्ययन में नवीनतम विकास और अध्ययनों के अनुसरण करना, ताकि नई तकनीकों और उपायों का उपयोग किया जा सके।

अधिकतर बाल मनोविज्ञान के विशेषज्ञ सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान, स्कूल शिक्षा, विकलांगता स्टडीज, विकलांगता शिक्षा, शिक्षा मनोविज्ञान, और जीव विज्ञान आदि के क्षेत्रों में विशेषज्ञ होते हैं।

बाल मनोविज्ञान के विशेषज्ञ बच्चों की संचार विकल्पों और उनके मनोवैज्ञानिक विकास के लिए उपयोगी तकनीकों के विकास पर भी काम करते हैं। इसके अलावा, वे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, और सामाजिक विकास के लिए भी उपयोगी सलाह देते हैं। ये विशेषज्ञ बच्चों के जीवन में बड़े बदलाव लाने में मदद करते हैं, जैसे कि शिक्षा और अधिक संचार कौशल का विकास, सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए उपयोगी तकनीकों का विकास, और बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए विशेष उपचार।

इस तरह से, बाल मनोविज्ञान एक बड़ा और महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो शिशु और बच्चों के जीवन के सभी प्रभाव पड़ता है।

 बाल मनोविज्ञान की विस्तृत विषय-सूची

  1. बाल मनोवैज्ञान का इतिहास और विकास ।
  2. बच्चों का मनोवैज्ञानिक विकास।
  3. बाल मनोवैज्ञान के मूल सिद्धांत।
  4. बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास में विभिन्न कारक।
  5. बच्चों के व्यक्तित्व और सामाजिक विकास का। मनोवैज्ञानिक अध्ययन।
  6. शिक्षा मनोविज्ञान और बच्चों के शैक्षणिक विकास का मनोवैज्ञानिक अध्ययन।
  7. बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य और उनके समस्याओं के समाधान के लिए मनोवैज्ञानिक उपचार।

इन सभी विषयों का अध्ययन बाल मनोविज्ञान के विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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कोहलर का सिद्धांत
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निष्कर्ष: आशा करते है कि बाल मनोविज्ञान के जनक कौन है। (Bal manovigyan ke Janak ) के बारे में जानकारी लगी होगी। इस लेख से संबंधित आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव है तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स का प्रयोग, मेरी टीम प्रश्न का उत्तर वाह सुझाव की प्रतिक्रिया देने का तत्काल प्रयास करेंगे।

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