सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं - महत्व,प्रकृति एवं अन्य विषयों से सम्बन्ध ।

 सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं?(Samaajik Vigyan Kise Kahate Hain?)

सामाजिक विज्ञान की प्रकृति वास्तव में मानव के लिए जीवन जीने की कला को आज के परिदृश्य में बदलती चली आ रही है, जिससे सामाजिक ढाँचा बदलता जा रहा है। मानव के व्यवहार, मूल्यों और मानव सम्बन्धों में परिवर्तन हो रहा है। इस परिवर्तन के कारण वर्तमान भावी पीढ़ी को सामाजिक परिस्थितियों की जानकारी के लिए सामाजिक विज्ञान विषय का अध्ययन आवश्यक व उपयोगी है। सामाजिक विज्ञान एक अन्त अनुशासित अनुशासन है, क्योंकि यह एक प्रयोगात्मक शाखा है जो बालको की अभिवृत्तियों, विचारों, भावनाओं, कौशल आदि का विकास करती है। परिस्थिति, समय, देश और समाज के अनुरूप उनका क्या महत्व है, इसकी भी जानकारी मिलती है। यह ऐतिहासिक अवधारणाओं नागरिकों के कर्तव्य व अधिकारों आर्थिक नीतियों आदि को समझने में सहायता करती है।सामाजिक विज्ञान की प्रकृति को तीन भागों में बाँटा गया है—-(1) विज्ञान(2) कला(3) कला और विज्ञान दोनों ।

सामाजिक विज्ञान की वैज्ञानिक प्रकृति 

 सामाजिक विज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है क्योंकि इसमें हम विज्ञान की भाँति क्रमबद्ध अध्ययन करते हैं। वैज्ञानिक प्रकृति को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है-

(1) सामाजिक विज्ञान एक विज्ञान है - क्रमबद्ध अध्ययन को विज्ञान कहा जाता है जिसमें तथ्यों का संकलन, वर्गीकरण, कार्य-कारण सम्बन्धों को ज्ञात करना तथा सामान्यीकरण द्वारा निष्कर्ष प्राप्त करना प्रमुख होता है अतः सामाजिक विज्ञान में भी इन्हीं वैज्ञानिक प्रक्रियाओं का प्रयोग करते हैं इसलिए सामाजिक विज्ञान एक विज्ञान है।

(2) सामाजिक विज्ञान एक कला है— कला से तात्पर्य कुछ करना. प्रभाव डालना व उसके उद्देश्यों का निर्धारण करना है। नियम और साधन कला को निश्चित करते हैं और तत्पश्चात यह व्यवहारिकता का ज्ञान प्रदान करती है। इस प्रकार सामाजिक विज्ञान कला है।

(3) सामाजिक विज्ञान कला और विज्ञान दोनों है - सामाजिक ( विज्ञान में हम विज्ञान की भाँति क्रमबद्धता व वैज्ञानिक चरणबद्धता के द्वारा अध्ययन करते हैं। साथ ही कलात्मक उद्देश्यों के द्वारा अध्ययन को व्यवहारिकता में लाते हैं। अतः इसमें कलात्मक पक्ष भी आता है इसलिए इसकी प्रकृति विज्ञान व कला दोनों ही है।

विज्ञान मूलतः मानव का अध्ययन है जो विश्व के विभिन्न भागों में रह रहे मानवों का जीवन और संस्कृति से सम्बन्ध जोड़ता है और ऐसा ज्ञान, अनुभव और अन्तर्दृष्टि प्रदान करता है। सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं के अन्तर्गत अभी तक आप ने जाना प्रकृति ,अब आगे जाने महत्व के बारे में।

सामाजिक विज्ञान का महत्त्व (IMPORTANCE OF SOCIAL SCIENCE)

सामाजिक विज्ञान विद्यार्थियों का समाजीकरण करके उन्हें प्रजातात्रिक है और पारस्परिक सहयोग सबके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। सामाजिक विज्ञान समाज से जुड़ा एक ऐसा विषय है जो विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास में सहयोग करता है। सामाजिक विज्ञान के महत्त्व को अग्रलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

(1) मानव सम्बन्धों (व्यवहारों) के अध्ययन का महत्व - सामाजिक विज्ञान में मानव व्यवहारों का अध्ययन प्रमुख है, जिसके अन्तर्गत व्यक्ति का व्यक्ति के परिवार से समुदाय से समाज से विद्यालय से तथा अन्य संस्थाओं से सम्बन्ध होता है। इन सम्बन्धों से ही मनुष्य का कार्य और व्यवहार प्रभावित होता है।

(2) विषय क्षेत्रों का स्पष्ट ज्ञान सामाजिक विज्ञान के अन्तर्गत अनेक विषय सम्मिलित होते हैं जो विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आज सामाजिक विज्ञान एक स्वतन्त्र विषय के रूप में विकसित हुआ है जिसमें प्रत्येक क्षेत्र से ली गई विषय-सामग्री अत्यन्त उपयोगी होती है जो बालक को प्रत्येक दृष्टि से उपयोगी विषय-वस्तु प्रदान करती है।

(3) एकीकृत स्वरूप - सामाजिक विषय अनेक विषयों का समन्वित या एकीकृत रूप है जिसमें ऐतिहासिक, भौगोलिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक विषयों को एकीकृत रूप में उपयोगी बनाकर ज्ञान प्रदान किया जाता है। सामाजिक विज्ञान का महत्त्व बिंदुवार लिखित है।

  • (1) मानव सम्बन्धों के अध्ययन का महत्त्व
  • (2) विषय क्षेत्रों का स्पष्ट ज्ञान 
  • (3) एकीकृत स्वरूप
  • (4) मानवता के लिए उपयोगी 
  • (5) बालक का सर्वांगीण विकास
  • (6) सामाजिक समस्याओं का ज्ञान व समाधान
  • (7) लोकतन्त्र का प्रहरी
  • (8) विविध विषयों का समन्वय

(4) मानवता के लिए उपयोगी-  सामाजिक विज्ञान मानवता के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण विषय है यह मानव की विविध समस्याओं और अनेक मामलों में ज्ञान प्रदान करता है तथा उनका समाधान भी बताता है जिससे सम्पूर्ण मानवता प्रभावित होती है।

(5) बालक का सर्वागीण विकास - सामाजिक विज्ञान अनेक विषयों एवं विशेषताओं से युक्त होता है इसलिए इसका मुख्य उद्देश्य बालकों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का ज्ञान प्रदान कर उसका सर्वांगीण विकास करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना है।

(6) सामाजिक समस्याओं ज्ञान व समाधान - सामाजिक विज्ञान के द्वारा सामाजिक समस्याओं का ज्ञान और समाधान दोनों ही प्राप्त होते हैं।

(7) लोकतन्त्र का प्रहरी - चूंकि सामाजिक विज्ञान बालकों का सर्वांगीण विकास करता है, जिसके लिए आवश्यक है कि बालक एक अच्छा नागरिक बनकर लोकतन्त्र को मजबूत बनाये। अतः उत्तम नागरिक बनाने की दृष्टि से सामाजिक विज्ञान महत्त्वपूर्ण है।

(8) विविध विषयों का समन्वय - सामाजिक विज्ञान में अनेक विषय सम्मिलित होते हैं, जैसे इतिहास, भूगोल, नागरिकशास्त्र, अर्थशास्त्र व अन्य। इनके समन्वय से विद्यार्थियों को विविध प्रकार का ज्ञान प्राप्त होता है। सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं के अन्तर्गत अभी तक आप ने जाना प्रकृति, महत्व के बारे में अब जाने सामाजिक विज्ञान का अन्य विषयों के साथ संबंध।

सामाजिक विज्ञान का अन्य विषयों से सम्बन्ध (RELATIONSHIP OF SOCIAL SCIENCE WITH OTHER SUBJECTS)

सामाजिक विज्ञान का अन्य विषयों से सम्बन्ध निम्न प्रकार है...

  • सामाजिक विज्ञान एवं इतिहास
  • सामाजिक विज्ञान एवं अर्थशास्त्र
  • सामाजिक विज्ञान एवं भूगोल
  • सामाजिक विज्ञान एवं समाजशास्त्र
  • सामाजिक अध्ययन एवं भाषा
  • सामाजिक अध्ययन एवं विज्ञान
  • सामाजिक अध्ययन एवं गणित
  • सामाजिक विज्ञाने का अन्य विषयों से सम्बन्ध
  • सामाजिक अध्ययन एव कला
  • सामाजिक अध्ययन एवं मनोविज्ञान
  • सामाजिक अध्ययन एवं राजनीतिशास्त्र
  • सामाजिक अध्ययन एवं दर्शन
  • सामाजिक अध्ययन एवं मानवशास्त्र

(1) सामाजिक विज्ञान तथा इतिहास (Social Science and History ) सामाजिक विज्ञान तथा इतिहास में घनिष्ठ सम्बन्ध है। फ्रीमैन (Freeman) ने इतिहास को अतीत की राजनीति कहा है और आज का सामाजिक विज्ञान बीतने पर इतिहास में परिणित हो जाता है। दोनों में केवल समय का अन्तर है।

(2) सामाजिक विज्ञान एवं अर्थशास्त्र (Social Science and – सामाजिक विज्ञान एवं अर्थशास्त्र दोनों ही सामाजिक विषय हैं तथा मनुष्य की विभिन्न क्रियाओं का ज्ञान देते हैं। प्राचीन काल में ये दोनों अलग-अलग विषय नहीं थे बल्कि इन दोनों के लिए 'राजनैतिक अर्थव्यवस्था (Political Economy) शब्द का प्रयोग किया जाता था।

(3) सामाजिक विज्ञान तथा भूगोल ( Social Science and Geography) सामाजिक विज्ञान तथा भूगोल में मी परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध है। किसी भी राष्ट्र की आर्थिक स्थिति उसकी प्राकृतिक अथवा भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करती है। देश की भौगोलिक स्थिति यहाँ के निवासियों के जीवन को प्रत्येक दृष्टिकोण से प्रभावित करती है।

(4) सामाजिक विज्ञान एवं समाजशास्त्र (Social Science and Sociology) समाजशास्त्र समाज का अध्ययन करता है। समाज व्यक्तियों से मिलकर बनता है। मनुष्यों में जो पारस्परिक सम्बन्ध होते हैं उनका अध्ययन हम समाजशास्त्र में करते हैं। इस शास्त्र में हम समाज के उदय, विकास, संगठन, व्यवस्था, संस्कृति तथा सभ्यता आदि का अध्ययन करते हैं। समाज में सभी नागरिक आते हैं।

(5) सामाजिक अध्ययन एवं भाषा (Social Studies and Language)भाषा ज्ञान के बिना अध्यापक के लिए सामाजिक अध्ययन की शिक्षा देना असम्भव है। भाषा विचारों को ग्रहण करने तथा अभिव्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम मानी गयी है। 

(6) सामाजिक अध्ययन एवं विज्ञान (Social Studies and Science) सामाजिक अध्ययन का एक दूसरा नाम सामाजिक विज्ञान भी है। स्पष्ट है कि सामाजिक अध्ययन एवं विज्ञान में प्रनिष्ठ सम्बन्ध है।

(7) सामाजिक अध्ययन एवं गणित (Social Studies and Maths) जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहाँ गणित की आवश्यकता न पड़ती हो। हमारे जीवन में गणित का भी उतना ही महत्व है।

(8) सामाजिक अध्ययन एवं कला (Social Studies and Art) माह यमिक स्तर के पाठ्यक्रम में विभिन्न प्रकार की कलाओं को भी महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है, जैसे- ड्राइंग, पेंटिंग, संगीत, नृत्य आदि । परन्तु इन कलाओं का प्रशिक्षण केवल कलाओं के लिए ही नहीं दिया जाता, बल्कि ये समस्त कलाएँ हमारे ऐतिहासिक परिदृश्यों की झलक प्रस्तुत करने के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक धरोहर की पहचान बनाये रखने में भी सार्थक भूमिका निभाती है।

(१) सामाजिक अध्ययन एवं मनोविज्ञान (Social Studies and Psychology)—– सामाजिक अध्ययन मनोविज्ञान से निम्नलिखित सिद्धान्तों को ग्रहण करता है-

(i) व्यक्ति समाज में रहकर किस प्रकार सीखता है।

(ii) व्यक्ति मनोविज्ञान के माध्यम से एक-दूसरे को समझने का प्रयास करता है।

(iii) आचरण (Behaviour) विविध जटिल तथा अन्तर्सम्बन्धित कारणों के फलस्वरूप होता है। 

(iv) मानवीय आचरण वंशानुक्रम तथा वातावरण सम्बन्धी कारकों का फल होता है।

(v) व्यक्ति एक-दूसरे से वैयक्तिक मूल्यों और विशेषताओं को सीखते हैं। 

(vi) मनोविज्ञान की सहायता से ही व्यक्ति समाज की विपरीत परिस्थितियों में समायोजन स्थापित करता है।

(10) सामाजिक अध्ययन एवं राजनीतिशास्त्र (Social Studies and Political Science) सामाजिक अध्ययन राजनीतिशास्त्र से निम्नलिखित सिद्धान्तों को प्राप्त करता है—

(i) बहुत-सी मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति परिवार, चर्च, प्रेस तथा व्यक्तिगत व्यवसायों द्वारा की जा सकती है। फिर भी सरकार (Government) समाज की सेवा करने वाली महत्त्वपूर्ण संस्था है।

(ii) सरकार के अन्तिम दायित्वों को चार भागों में बाँटा जा सकता है— (अ) बाह्य सुरक्षा, (ब) आन्तरिक व्यवस्था, (स) सामान्य दिल के लिए अनिवार्य सेवाएँ, तथा (द) लोकतन्त्रीय राज्य में स्वतन्त्रता प्रदान करना।

(iii) लोकतन्त्र में सरकार जनता की सेवक है, न कि जनता सरकार की सेवक।

(iv) कोई भी सरकार तब तक सफलतापूर्वक कार्य नहीं कर सकती जब तक वह स्वयं को नवीन परिस्थितियों के अनुकूल नहीं बनाती।

(v) आधुनिक विश्व के सभी राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक जीवन की अन्तर्राष्ट्रीय अन्योन्याश्रित व्यवस्था के अंग हैं। 

(11) सामाजिक अध्ययन एवं दर्शन Studies and Philosophy) सामाजिक अध्ययन दर्शन से निम्नलिखित तथ्यों को ग्रहण है-

(i) तर्कशास्त्र वैज्ञानिक तथा नैतिक विश्लेषण दर्शन द्वारा प्रदान किये जाते हैं।

(ii) एक स्वतन्त्र समाज अपने हित के लिए स्वतन्त्र अन्वेषण के मार्ग को खुला रखना और अपने नागरिकों की खोज करने की आदतों का निर्माण करता है।

(iii) मलत: प्रत्येक व्यक्ति कम या अधिक दार्शनिक आवश्य होता है।

(12) सामाजिक अध्ययन एवं मानवशास्त्र (Social Studies and Anthropology)—–सामाजिक अध्ययन मानवशास्त्र से निम्नलिखित सिद्धान्तों को प्राप्त करता है—-

(i) संस्कृति में मानवीय समूहों द्वारा विकसित ज्ञान, विश्वास तथा मूल्य निहित हैं।

(ii) आधुनिक समाज विभिन्न काल एवं स्थानों की संस्कृतियों का ऋणी है।

(iii) व्यक्ति के व्यक्तित्व को बहुआयामी स्वरूप प्रदान करने में सहायता मिलती है।

(iv) व्यक्ति समाज का गहन अध्ययन करने में स्वयं को सक्षम महसूस करता है।

(v) जिस संस्कृति में किसी व्यक्ति का पालन-पोषण होता है उसका उसके जीवन भर प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष : आशा करते हैं कि सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं लेखा आपको समझ में आ गया होगा अगर इस लेख से संबंधित हो कुछ सवालिया सुझाव देना चाहते हैं तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स का प्रयोग कर सकते हैं।

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