सहनशीलता का अर्थ और परिभाषा - Meaning and Definition of Endurance

 सहनशीलता का अर्थ (Meaning of Endurance)

सहनशीलता थकान के विरोध में प्रतिरोध करने की योग्यता है। सहनशीलता थकान के अन्तर्गत जो परिस्थितियाँ होती हैं उनकी योग्यता तथा खेल हलचलों के साथ गुणों एवं गति की योग्यता है। खेल के क्षेत्र में पहनशीलता प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप में उच्चतम महत्व रखती है। सरल शब्दों में कहा जा सकता है कि सहनशीलता वह योग्यता है जिसको खिलाड़ी खेल की क्रियाओं को प्रभावित बनाने के लिए थकान के बिना ही तथा थकान से शीघ्रता से वापसी क्रिया के समय एवं क्रिया के बाद उपयोग में लाता है।

सहनशीलता की परिभाषा (Definition of Endurance)

सहनशीलता एक गुण है जो व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक मजबूती को दर्शाता है। यह व्यक्ति की क्षमता होती है कि वह जीवन में आने वाली अवस्थाओं, परिस्थितियों या व्यक्तिगत दुखों को सहन कर सके और इन्हें प्रभावित न होने दें। सहनशीलता में समर्पण, संयम, धैर्य और स्थिरता की भावना होती है।

सहनशीलता का अर्थ है कि व्यक्ति किसी भी परिस्थिति के साथ समर्थ हो और मानसिक तनाव, चिंता, या दुख के बावजूद भी सक्रिय रहे। यह मानसिक स्थिति में स्थिरता और स्थायित्व की एक ऊंची स्तर की प्रकटि करती है। व्यक्ति अपने भावनात्मक उत्तेजनाओं और प्रभावों को नियंत्रित करता है और अपनी आत्म-प्रतिष्ठा, सामरिकता और सहयोग की भावना बनाए रखता है।

सहनशीलता के साथ व्यक्ति संघर्षशील परिस्थितियों में भी स्थायीत्व और धैर्य बनाए रखता है। यह उसकी सामरिक और नैतिक सामर्थ्य की प्रकटि करता है और उसे परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है।

सहनशीलता का संगठन (Forms of Endurance)

सहनशीलता का संगठन निम्नलिखित तरह से हो सकता है-

1. आधारिक सहनशीलता (Basic Endurance ) - जब क्रियाएँ धीमी से मध्यम गति तक जाती है, तो उस समय थकान को रोकने की योग्यता को आधारित सहनशीलता कहते हैं। इस प्रकार की सहनशीलता से शरीर में लम्बे समय तक हलचल होनी चाहिए। आधारित सहनशीलता क्रिया को करने की योग्यता होती है जिसमें कि शरीर की बहुत-सी मांसपेशियाँ हलचल करती हैं। सहनशीलता में लम्बे समय तक क्रियाओं की हलचल होती रहती है।

2. सामान्य सहनशीलता (General Endurance ) - यह वह योग्यता है जिससे कि विभिन्न प्रकार की गई क्रियाओं की थकान का सामान्य प्रतिरोध होता है। सामान्य सहनशीलता की तुलना आधारित सहनशीलता से नहीं करनी चाहिए। सामान्य सहनशीलता की योग्यता सभी प्रकार की क्रियाओं को करने की होती है। जिस खिलाड़ी में सामान्य सहनशीलता होती है वह खिलाड़ी प्रत्येक खेल में भाग ले सकता है।

3. विशिष्ट सहनशीलता (Specific Endurance) - किसी खेल विशेष की क्रियाओं को करने से उत्पन्न थकान के प्रतिरोध की योग्यता को विशिष्ट सहनशीलता कहते हैं। सभी खेलों में थकान का स्वरूप अलग-अलग होता है तथा विशिष्ट सहनशीलता भी अलग-अलग ही होती है। विशिष्ट सहनशीलता में लम्बी दूरी के धावक कम-से-कम समय में दूरी को तय करने की कोशिश करते हैं।

4. गति सहनशीलता (Speed Endurance)- गति सहनशीलता उसे कहते हैं जो क्रियाओं के समय अंतिम 45 सेकण्ड में थकान के प्रतिरोध की योग्यता होती है। इस प्रकार की क्रियाओं की विशेषता यह है कि वे कम-अधिक से अधिकतम गति को ओर कार्य करती हैं। प्राथमिकता के तौर पर यह ताकत तथा योग्यता पर निर्भर करती है।

5. अल्प- अवधि सहनशीलता (Short Time Endurance ) - अल्प-अवधि सहनशीलता थकान के प्रतिरोध में क्रिया के अन्तिम 45 सेकण्ड से 2 मिनट तक ही अवधि की आवश्यकता होती है। अल्प अवधि सहनशीलता ताकत सहनशीलता तथा सहनशीलता - पर निर्भर करती है। 

6. मध्यम अवधि सहनशीलता (Middle Time Endurance ) - इस प्रकार की सहनशीलता क्रिया में 2 से 11 मिनट तक की आवश्यकता होती है। मध्यम अवधि सहनशीलता एरोबिक्स परिवर्तित प्रक्रिया पर निर्भर करती है। समय जैसे-जैसे बढ़ता है। वैसे-वैसे एरोबिक्स प्रक्रिया का योगदान भी बढ़ता जाता है। अल्प अवधि सहनशीलता की तरह यह भी ताकत सहनशीलता तथा गति सहनशीलता पर कम डिग्री में निर्भर करता है।

7. दीर्घ अवधि सहनशीलता (Long Time Endurance) - दीर्घ अवधि सहनशीलता क्रिया के अन्तिम में ग्यारह मिनट से अधिक का समय लगता है। इस प्रकार की सहनशीलता तैरने तथा मैराथन आदि में उपयोग की जाती है। दीर्घ अवधि सहनशीलता परिवर्तित स्वरूप पर निर्भर करती है।

सहनशीलता की विशेषताएँ (Characteristics of Endurance)

सहनशीलता की योग्यता अनेक विशेषताओं पर निर्भर करती है। सहनशीलता के बहुत सारे घटक इस पर प्रभाव डालते हैं। सहनशीलता की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं- 

1. एरोबिक्स योग्यता ( Aerobics Capacity) - क्रियाओं को करने के लिए मांसपेशियों को ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है तथा ये ऊर्जा ऑक्सीजन के माध्यम से पूरी की जाती है। वातावरण से फेफड़ों द्वारा ली गई ऑक्सीजन की मात्रा से भी प्रभाव पड़ता है। इसे लेना कहते हैं। अन्दर ली गयी ऑक्सीजन मांसपेशियों के कार्य के लिए हृदय एवं खून में परिवहन करती है। इसे ऑक्सीजन परिवहन कहा जाता है। जो ऑक्सीजन को कार्य करने के लिए खून से ली जाती है उसे ऑक्सीजन पूर्ति कहा जाता है। ऐरोबिक्स योग्यता के लिए ली गई ऑक्सीजन केवल ऑक्सीजन की योग्यता ही नहीं बल्कि क्रिया के समय मांसपेशियों के द्वारा ली गई या उपलब्ध ऊर्जा भी सहनशीलता पर प्रभाव डालता है।

2. एनारोबिक्स योग्यता (Anaerobic Capacity ) - ऑक्सीजन की कमी होने के समय मांसपेशियों की क्रियाओं को करते समय जो ऊर्जा प्राप्त होती है उसे एनारोबिक्स कहते हैं। खिलाड़ी द्वारा प्राप्त की गई ऑक्सीजन की कमी की मात्रा को एनारोबिक्स की योग्यता से मापा जाता है बहुत क्रियाएँ कम समय में तथा उच्च तीव्रता में की जाती है। यह योग्यता गति सहनशीलता तथा समय सहनशीलता पर निर्भर करती है।

3. आर्थिक हलचल (Movement Economy ) - सहनशीलता के प्रदर्शन के लिए आर्थिक हलचलों का बहुत महत्व है। आर्थिक हलचलों से अच्छे तकनीक तथा ऊर्जा की बचत होती है तथा खिलाड़ी लम्बे समय तक क्रियाओं को कर सकते हैं तैरने की क्रियाओं में यदि क्रिया की हलचलें सही हों तो बीस से तीस प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है।

4. मनोवैज्ञानिक विशेषताएँ (Psychological Characteristics) - सहनशीलता प्रेरणा पर आधारित है। सहनशीलता दर्द को सहने की योग्यता पर निर्भर करती है। खिलाड़ी की कार्य करने की शक्ति पर भी सहनशीलता निर्भर करती हैं। मनोवैज्ञानिक विशेषताएँ प्रशिक्षण तथा प्रतियोगिता के लिए आवश्यक हैं। इन विशेषताओं के बिना अच्छी सहनशीलता का प्रदर्शन कर पाना बहुत ही कठिन है।

सहनशीलता को विकसित करने की पद्धतियाँ (Methods of Endurance Improvement)

1. निरंतरता की पद्धति (Continuous Method) - इस प्रकार की विधि में क्रिया को करने तथा खिलाड़ी के लगातार कार्य करने के बीच कोई भी मध्यांतर नहीं होता है। सक्क्स योग्यता के प्रदर्शन में निरंतरता की विधि बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती है।

2. अन्तराल पद्धति (Interval Method) -सहनशीलता को विकसित करने के लिए आजकल आमतौर पर अन्तराल पद्धति को प्रयोग लाते हैं। इसमें क्रिया को एक बार करने के बाद कुछ समय के बाद फिर से क्रिया को किया जाता है। कुछ समय के बाद क्रिया को करने से पुनः प्राप्ति हो जाती है अंतराल विधि की विशेषता है कि एक मिनट में धड़कनों से भी अधिक दिल की 180 धड़कनें हो जाती हैं। जब दिल की धड़कनें 120 से 150 तक आती तो दूसरी पुनरावृति शुरू कर दी जाती है।

3. पुनरावृत्ति पद्धति ( Repetition Method) - पुनरावृत्ति की पद्धति की विशेषता है। कि इसमें पुनरावृत्ति की तीव्रता उच्च होती है तथा इसके साथ ही साथ पूरी तरह से पुनः प्राप्ति कुछ अन्तराल के बाद हो जाती है। खिलाड़ी के अच्छे प्रदर्शन से तीव्रता को मापा जाता है। इसे प्राप्त करने के लिए समय भी बहुत ही कम लगता है। पुनरावृत्ति की पद्धति से सहनशीलता को आसानी से विकसित किया जाता है।

4. प्रतियोगिता एवं नियंत्रण पद्धति (Competition and Control Method) - सहनशीलता का प्रदर्शन प्रतियोगिता में योग्यता तथा अनुभवों के ऊपर निर्भर करता है। प्रतियोगिताओं में अधिक बार भाग लेने से सहनशीलता को विकसित करने के लिए प्रभाव डाला जाता है। परीक्षणों द्वारा भी सहनशीलता का समीकरण किया जा सकता है। समय-समय पर लिए गए ट्रायल के ऊपर भी सहनशीलता पर प्रभाव पड़ता है। प्रतियोगिता के दौरान विशेष तौर पर विकसित होती है।

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