Research and statics in physical education B.P.Ed 2nd year examination 2017 model paper

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Bachelor of physical education 2017 के पेपर Research and statics से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।

प्रश्न- खेल का अर्थ तथा खेल का आशय क्या है? Explain the meaning and definition of games?
उत्तर- पुरातन युग से खेलों को मानव जीवन से जोड़ा गया है अध्ययन के साथ-साथ खेल बालक के स्वास्थ्य को विकास धारा की ओर मुड़ते हैं इसका कारण है कि खेल बालक के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं ऐसा हम मान कर चलते हैं कि खेल बालक की चौमुखी प्रतिभाओं को जन्म देते हैं। और उनका व्यापक रूप में शारीरिक विकास करते हैं एक ओर जहां खेलों से बालक का शारीरिक विकास होता है। वहीं बालक का मानसिक एवं बौद्धिक विकास भी खेलों के द्वारा संभव होता है अब प्रश्न यह उठता है कि खेल किसे कहते हैं? ऐसे शारीरिक क्रियाएं जिनसे मानव मनु को आनंद की अनुभूति होती है और खेल की संख्या से जानी जाती है खेल का शाब्दिक अर्थ है मन की आनंद अनुभूति के लिए शारीरिक क्रिया। खेल रहा है जो खेल की भावना से खेला जाता हो खेल शरीर की एक स्वाभाविक क्रिया है जिससे मानव स्वतंत्र एवं स्वाभाविक रूप से सहज होता है साथ ही इस क्रिया में उसे मनोरंजन के साथ-साथ आनंद की प्राप्त होती है ऐसा सहज ही है कि प्रत्येक कार्य को करने से कोई ना कोई उसके पीछे उद्देश्य छिपा होता है परंतु वह कार्य खेल की भांति शहर एवं स्वाभाविक नहीं होता है यह भी समझ में आता है कि खेल के अतिरिक्त अन्य कार्य में आनंद एवं मनोरंजन की स्वाभाविक था दिखाई नहीं देती है।
अतः हम यह स्पष्ट कर सकते हैं कि खेल बालक के जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया होती है साथ ही यह सत्य है कि खेल की प्रवृति बालक में जन्मजात होती है इसका पूर्व आशय यह है कि खेल भावना से बालक की मानसिक दशा यह कहती है कि उसका उद्देश्य स्वतंत्र वातावरण और स्वयं के लिए मनोरंजन की खोज होती है खेल क्रिया बालक से जीवन की पूर्णता के लिए अत्यंत उपयोगी साधन है आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत खेलों को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है रूसो का कथन सत्य है कि बालक को प्रकृति से शिक्षा लेने के साथ खेल द्वारा भी शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्रदान करना चाहिए। खेल बालकों के व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं बालकों के चौमुखी विकास की धारा प्रवाह के लिए खेल बहुत ही आवश्यक माने जाते हैं सहज शिक्षा प्राप्त का साधन है उत्तम स्वास्थ्य के प्राप्त शारीरिक खेल क्रिया द्वारा स्वतंत्र वातावरण में हो सकती है अतः खेल के साधन हैं जिससे बालक को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान होता है ।

प्रश्न- खेलों के प्रति जागरूकता एवं प्रोत्साहन क्या है?Awareness and motivation for games?
उत्तर- खेल जीवन का अविभाज्य अंग है मानव खेल क्रियाओं के बिना अधूरा होता है खेल बालकों के लिए मनोरंजन का साधन होता है खेल क्रियाओं से बालकों के मन में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है खेल से बालकों का शारीरिक विकास होता है खेलना प्रत्येक बालक की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है बालक में खेलने की जन्मजात प्रवृत्ति होती है मानव का स्वभाव है कि वह स्वच्छंद और स्वतंत्र वातावरण में खेले या कूदे और आनंद की अनुभूति प्राप्त करता रहे खेल हमारे जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी साधन होते हैं आधुनिक शिक्षा प्रयोगों में खेलों को अति महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है इसका मुख्य कारण यह है कि खेल बालकों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं खेल प्रक्रिया बालकों के अधिगम को रुचिकर एवं शुभम बनाता है बालकों के लिए स्वास्थ्य को उत्तम बनना बहुत ही आवश्यक है खेल मानव जीवन की स्वच्छता एवं स्वास्थ्यवर्धक वातावरण को बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है।
एक समय था जब खेलकूद को विद्यालय में तनिक भी महत्त्व नहीं दिया जाता था विद्यालय को केवल शिक्षा प्रदान करने के स्थल के रूप में ही स्वीकार किया जाता था तथा अध्ययन को ही विशेष महत्व दिया जाता था खेलकूद की आवश्यकताओं को उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता था पाठ्यपुस्तक के ही शिक्षा का आधार थी परंतु धीरे-धीरे शिक्षा शास्त्रियों ने यह अनुभव किया कि बिना शारीरिक विकास के बालकों का मानसिक विकास संभव नहीं है अतः विद्यालयों में खेल को तथा शारीरिक व्यायाम की और विशेष ध्यान दिया जाने लगा अब प्रायः समस्त विद्यालयों में शारीरिक व्यायाम एवं खेलकूद आदि को किसी ना किसी रूप में महत्व दिया जाता है ।

प्रश्न- शारीरिक शिक्षा में उपलब्धि परीक्षण का महत्व बताइए। Explain the importance of achievement test in physical education.
उत्तर- उपलब्धि परीक्षणों के महत्व का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है की हमारे देश में उपलब्ध परीक्षाओं का चलन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। प्रतिवर्ष ना केवल विद्यालयों में बल्कि उनके संघीय तथा राज्य सरकारों में नौकरियां पाने के लिए इस प्रकार की परीक्षाओं का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। इंजीनियरिंग, चिकित्सा, तकनीकी, व औद्योगिक डिग्री, डिप्लोमा के कोर्स में प्रवेश पाने के लिए भी विद्यालयों को इन परीक्षणों से गुजर ना होता है अब यह केवल अध्यापकों और शिक्षाविदों तक ही सीमित नहीं रह गया है। बल्कि मनोविज्ञान चिकित्सा शास्त्र अनुसंधान आदि सभी क्षेत्रों में यह लोकप्रिय हो रहा है अतः इन परीक्षाओं का विशेष महत्व है उपलब्धि परीक्षण ओं का महत्व निम्न कारणों से बहुत बढ़ गया है।
(1) उपलब्धि परीक्षणों के द्वारा किसी व्यक्ति की किसी विशिष्ट क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता योग्यता का पता लगाया जाता है यह किसी व्यक्ति की निम्नतम योग्यताओं को जानने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
(2) इन परीक्षणों के द्वारा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में से किसी एक क्षेत्र का चुनाव करने में सहायता मिलती है।
(3) इन परीक्षणों से भावी उपलब्धि के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है और यह योग्यता व्यक्तियों को पदोन्नति दिलाने में सहायक होती है।
(4) इन परीक्षणों के द्वारा विद्यालय में छात्रों को वर्गीकृत कर उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें शिक्षित एवं निर्देशित किया जा सकता है।
(5) इन परीक्षणों के आधार पर छात्रों की योग्यता को आंकने के पश्चात उन्हें अध्ययन के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
(6) इन परीक्षणों से जब छात्र एवं अध्यापकों को बालक की कमजोरियों का पता लग जाता है तो उन्हें दूर करते हुए बालकों को सीखने की ओर प्रेरित किया जा सकता है।

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  1. в. ρ. є∂ 2017 qυєѕтισи ρєραя в. υ ʝнαиѕι

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