Sport physiology and sociology B.P.Ed 2nd year Examination 2017 model paper meaning and nature of individual differenc

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Bachelor of physical education 2017 के Sport physiology and sociology पेपर में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।


प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता का क्या तात्पर्य है? व्यक्तिगत भिन्नता के विभिन्न कारणों का विस्तार में वर्णन करके कीजिए।
उत्तर - संसार में कुछ व्यक्ति सामान्य रूप से सामान्य दिखाई देते हैं किंतु सूक्ष्म अध्ययन से ज्ञात हुआ है। कि प्रत्येक व्यक्ति में कुछ अपनी विशेषताएं होती हैं। जिसके कारण वह अन्य व्यक्तियों से भिन्न होता है प्रत्येक व्यक्ति या बालक की शारीरिक, मानसिक, भौतिक और सामाजिक उन्नति व्यक्तिगत भिन्नता के अनुसार ही होती है अतः व्यक्तित्व के संतुलित विकास के लिए व्यक्तिगत भिन्नता के अनुसार शिक्षा की व्यवस्था करना आवश्यक हो जाता है।
व्यक्तिगत विभिन्नता का अर्थ व स्वरूप (meaning and nature of individual difference) सभी व्यक्तियों या बालकों क अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि कोई दो व्यक्ति या बालक सभी प्रकार से एक जैसे नहीं होते हैं। यहां तक कि दो जुड़वा भाई-बहनों में भी पूर्ण रूप से समानता नहीं पाई जाती है। इसमें रूप रंग शारीरिक गठन विशिष्टता योग्यताएं बुद्धि अभिरुचि स्वभाव आदि में परस्पर एक दूसरे से कुछ ना कुछ भिन्न अवश्य होते हैं। इस प्रकार उस में पाई जाने वाली इस भिन्नता को ही व्यक्तिगत भिन्नता कहते हैं अतः व्यक्तिगत भिन्नता का अभिप्राय किन्ही दो व्यक्तियों या बालकों के शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक तथा सामाजिक विशेषताओं में भिन्नता से है शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन काल से ही मानसिक योग्यताओं के आधार पर छात्रों में अंतर किया जाता रहा है। आज छात्रों में इसके अतिरिक्त अन्य योग्यताओं और कुशलता ऊपर भी ध्यान दिया जाता है जिसके फलस्वरूप उनमें कम या अधिक भिन्नता होती है ।
व्यक्तिगत भिन्नताओं के कारण (Causes of individual differences) मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तिगत भिन्नताओ के अनेक कारण बताए हैं जिसमें से महत्वपूर्ण निम्नलिखित हैं।
वंशानुक्रम (Heredity) वंशानुक्रम व्यक्तिगत भिन्नता का मुख्य कारण है रूसो (Rousseau), पियरसन (Pearson), टरमन (Terman) आदि। इस प्रकार के प्रमुख सार्थक हैं इन्होंने प्रयोगों के द्वारा सिद्ध कर दिया है कि व्यक्तियों की शारीरिक मानसिक और चारित्रिक विशेषताओं का मुख्य कारण वंशानुक्रम ही है। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पैतृक गुणों के संक्रमण के कारण ही व्यक्ति व्यक्ति में भिन्नता देखने को मिलती है। इसी कारण स्वास्थ्य बुद्धिमान चरित्रवान माता-पिता की संतान भी स्वस्थ बुद्धिमान और चरित्रवान होती है कभी-कभी एक ही माता-पिता की संतानों में भी भिन्नता देखने को मिलती है ।  मानसिक शक्तियों स्वभाव तथा अन्य गुणों में कुछ ना कुछ भी अवश्य होते हैं उनमें यह भिन्नता वंशानुक्रम के कारण ही होती है मनोवैज्ञानिक मन ने भी वंशानुक्रम को व्यक्तिगत भिन्नता ओके एक कारक के रूप में स्वीकार किया है।
वातावरण (Environment) वातावरण व्यक्तिगत भिन्नता का दूसरा प्रमुख कारण है मनोवैज्ञानिक का विचार है कि व्यक्ति जिस प्रकार से वातावरण (परिवारिक सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक) में रहता है उसी के अनुसार उसका शारीरिक व मानसिक विकास, रहन-सहन, आचार-विचार, व्यवहार आदि होते हैं। उदाहरणार्थ ठंडे देश और गर्म देश के बच्चों में पर्याप्त भिन्नता देखने को मिलती है ठंडे प्रदेश के बालक लंबे बलवान और परिश्रमी होते हैं जबकि गर्म देश के बालक अपेक्षाकृत छोटे निर्बल और आलसी होते हैं।
जाति प्रजाति एवं देश (Cast Race and Country) जाति प्रजाति तथा देश के कारण भी व्यक्तियों में भिन्नता आ जाती है उदाहरणार्थ ब्राम्हण जाति के व्यक्ति अध्ययन शील क्षत्रिय जाति के व्यक्ति युद्ध प्रिय और वैश्य जाति के व्यक्ति व्यवसायिक कुशलता से युक्त होते हैं नीग्रो प्रजाति के बालकों की अपेक्षा श्वेत प्रजाति के बालक अधिक बुद्धिमान और कार्य कुशल होते हैं एक देश के व्यक्तियों में शारीरिक बौद्धिक भावात्मक विशेषताएं दूसरे देश के व्यक्तियों से भिन्न होती हैं । इन व्यक्तिगत अभिनेताओं के आधार पर ही विभिन्न देश के व्यक्तियों को आसानी से पहचान लेते हैं।
आयु एवं बुद्धि (Age and intelligence) बालक का शारीरिक, मानसिक एवं संवेगात्मक विकास आयु के अनुसार ही होता है। इसलिए विभिन्न आयु के बालक में अंतर पाया जाता है। बुद्धि बालक का जन्म जात गुण होता है। बुद्धि के विकास के अनुसार ही कोई प्रतिभावान तो कोई मूर्ख हो जाता है। बुद्धि में भिन्नता के कारण व्यक्तियों में काफी अंतर हो जाता है।
शिक्षा एवं आर्थिक दशा (Education and economic condition)शिक्षा तथा आर्थिक दशा दोनों ही व्यक्ति में भिन्नता उत्पन्न करते हैं। शिक्षा व्यक्ति को विशिष्ट गंभीर विचार शील और व्यवहार कुशल बनाती है। शिक्षा ही उसे अशिक्षित व्यक्ति से भिन्न बनाती है परिवार की आर्थिक स्थिति भी व्यक्ति के शारीरिक शैक्षिक सामाजिक भावात्मक विकास को प्रभावित करती है। इस प्रकार आर्थिक स्थिति भी व्यक्तिगत भिन्नता का कारण होती है।
लिंग भेद (Sex difference) लिंग भेद के कारण बालक और बालिकाओं के शारीरिक, मानसिक और संवेगात्मक विकास में अंतर पाया जाता है। इस कारण बालक और बालिकाओं के स्वभाव तथा व्यक्तित्व के अन्य गुणों में भिन्नता दिखाई देती है। उदाहरणार्थ बालक साहसी और परिश्रमी होते हैं। जबकि बालिकाएं कोमल हृदयालु और लज्जासील होती हैं।
व्यक्तिगत भिन्नता ओं के प्रकार (Types of individual differences) किन्ही दो व्यक्तियों में निम्नलिखित प्रकार की भिन्नताएं पाई जाती हैं।
शारीरिक भिन्नता शारीरिक दृष्टि से व्यक्तियों में अनेक प्रकार की भिन्नता ए देखने को मिलती है। यह भिन्नता रंग रूप भारत शारीरिक गठन योन भेद शारीरिक परिपक्वता आदि के कारण होती है। कुछ व्यक्ति काले, कुछ गोरे, कुछ लंबे, कुछ छोटे, कुछ मोटे कुछ, कुछ सुंदर और कुछ रूप होते हैं।
मानसिक भिन्नता व्यक्ति मानसिक दृष्टि से भी भिन्न होते हैं। कोई व्यक्ति प्रतिभाशाली कोई अधिक बुद्धिमान कोई कम बुद्धिमान और कुछ मूर्ख होते हैं। मानसिक भिन्नता को समझने के लिए बुद्धि परीक्षण की आवश्यकता से बुद्धि लब्धि निकालते हैं यह देखा गया है कि इसके अनुसार व्यक्ति गूढ़ से लेकर अत्यंत प्रभावशाली तक होते हैं।
अभिरुचियों में भिन्नता  अभिरुचियों के आधार पर व्यक्तियों में भिन्नता पाई जाती है। कोई व्यक्ति संगीत में कोई खेल में कोई चित्रकारी में कोई पढ़ने लिखने में कोई वार्तालाप में रुचि लेता है। व्यक्ति की अभिरुचि यों में उसकी आयु में वृद्धि के साथ परिवर्तन होता रहता है यही कारण है कि बालों को और वयस्कों की अभिरुचि यों में काफी अंतर होता है बालक और बालिकाओं स्त्री और पुरुषों की अभिरुचि यों में भी अंतर पाया जाता है।
संवेगात्मक भिन्नता संवेगात्मक दृष्टि से भी व्यक्तियों में भिन्नता देखने को मिलती है। इसके कारण ही कुछ व्यक्ति उदार और कुछ कठोर कुछ दुखी और कुछ प्रसन्न चित्त रहते हैं संवेगात्मक भिन्नता को संवेगात्मक परीक्षणों द्वारा मापा जा सकता  है।

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