मंडूकासन कैसे करते हैं मंडूकासन के लाभ और सावधानियां - चमत्कारी लाभ

मंडूकासन क्या है। (Mandukasana kya hai.)


मंडूकासन का अंग्रेजी नाम "Frog Pose Yoga" है हिंदी में मंडूक शब्द का अर्थ और अंग्रेजी  में Frog शब्द का अर्थ मेंढक होता है, यह आसन करते समय शरीर की आकृति मेंढक जैसी हो जाती है इसलिए इस आसन का नाम मंडूकासन पडा। इस आसन का सबसे ज्यादा लाभ शुगर  और पेट के रोगियों को होता है।

मंडूकासन कैसे करते हैं । (Mandukasana kaise karte hai)


सबसे पहले साफ-सुथरे समतल स्थान पर वज्रासन में बैठ जाएं बैठने के बाद तीन बार लंबी गहरी सांस भरते हुए सांस को छोड़े उसके बाद अपने दोनों हाथ की उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बनाएं, इसके बाद  दोनों हाथ की मुट्ठीओं को नाभि के दोनों तरफ  सामने से लगा देंगे। और इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें झुकने पर नितंब थोड़ा सा ऊपर की ओर उठेंगे गर्दन और सर सामने की ओर रहेगा। सामने की ओर देखेंगे ऐसा करने पर चेहरे पर खिंचाव महसूस होगा। अगर खिंचाव महसूस हो रहा है तो  यह आसन सही हो रहा है। पैर की स्थिति वज्रासन के ही स्थित में रहेंगे। अब इसके बाद सांस छोड़ते हुए ऊपर की ओर आराम की स्थिति में आ जाएंगे।
इसी आसन को दूसरे विधि से भी किया जाता है आइए इस दूसरी विधि को भी हम जाने सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएंगे और बैठने के बाद अपने दाहिने की गदेली को नाभि  में ऊपर रख देंगे और बाएं हाथ की गदेली को दाहिने हाथ के गदेली के ऊपर रख देंगे अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकेंगे गर्दन सर सामने की ओर रहेगा चेहरे पर खिंचाव महसूस होगा जितनी देर हो सके इस स्थिति में रहें और इसके बाद पुनः धीमे धीमे सांस को छोड़ते हुए ऊपर कितर्फ आराम की स्थिति में आ जाएंगे शुरुआत में यह आसन 3 से 5 बार करेंगे।

मंडूकासन करने के लाभ (Mandukasana karane ke labh)


  • मधुमेह के रोग में लाभ मंडूकासन करने से मधुमेह शुगर के रोगियों को बहुत ही ज्यादा लाभ होता है यह आसन करने से शरीर में पेनक्रियाज पर क्रिया प्रति बल लगता है जिससे इंसुलिन का बहना संतुलित होने लगता है।
  • पेट की चर्बी में लाभ पेट के टमी भाग जिन लोगों का ज्यादा होता है उनके लिए यह आसन बहुत ही ज्यादा लाभदायक है इस आसन के नियमित करने से पेट की टमी कम हो जाती है।
  • कब्ज में लाभ कब्ज पेट साफ ना होना और पेट से संबंधित बीमारियों के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक है।
  • डायबिटीज में लाभ डायबिटीज और गैस कि समस्या वाले रोगियों के लिए आसन उतना ही अच्छा है जितना पवनमुक्तासन है।
  • टोन करने में लाभ कंधे और पेट की मांसपेशियों को टोन करने में मंडूकासन लाभदायक है।
  • फेफड़े की क्षमता में बढ़ोतरी में लाभ मंडूकासन करने से साधक के फेफड़ों में वृद्धि होती है।
  • गैस और अपच में लाभ जिन व्यक्तियों को गैस की नियमित शिकायत रहती है या अपच की शिकायत बनी रहती है उन साधकों के लिए यह आसन बहुत लाभप्रद आसन है।
  • पीठ को मजबूत बनाने में लाभ ऐसे व्यक्तियों को मंडूकासन प्रतिदिन करना चाहिए जिनके पीठ में कमजोरी महसूस होती हो जो आगे की तरफ झुक जाते हैं उनको यह आसन प्रतिदिन नियमित रूप से करना चाहिए।
  • तनाव, चिंता एवम् अवसाद में लाभ जिन व्यक्तियों को चिंता,तनाव ,अवसाद आदि की समस्या नियमित रूप से बनी रहती है उन व्यक्तियों के लिए मंडूकासन रामबाण आसन है मंडूक आसन के नियमित अभ्यास से इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता हैं।
  • वजन कम करने में लाभ मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर में बढ़ा हुआ वजन कम होने लगता है नियमित अभ्यास करने से बढ़े हुए वजन पर संतुलन बनाया जा सकता है।

मंडूकासन करते समय सावधानियां (Mandukasana karate samay savdhaniya)

  1. वज्रासन की स्थिति सही होनी चाहिए मंडूकासन प्रारंभ करने से पहले वज्रासन की स्थिति सही होनी चाहिए जब तक वज्रासन की स्थित नहीं सही होगी तब तक मंडूकासन सही नहीं होगा।
  2. हाथ की मुट्ठी को सही से बांधना मंडूकासन प्रारंभ करने में हाथ की मुट्ठी की अहम भूमिका होती है हाथ की मुट्ठी अगर सही से नहीं बनती है तो मंडूकासन सही से नहीं हो पाएगा। हाथ को बांधने की सही स्थिति है सबसे पहले अपने दोनों अंगूठे को हाथ की गलियों के अंदर करें उसके बाद चारों उंगलियों को आपस में जोड़ें जड़ने के बाद अंगुलियों को आहिस्ते-आहिस्ते बंद करें।
  3. हाथ की मुट्ठी को नाभि के सही स्थान पर लगाना मंडूकासन में हाथ की मुट्ठी को नाभि के उचित स्थान पर लगाना सबसे बड़ी सावधानी है।
  4. सांसो की गति पर ध्यान देना मंडूकासन करते समय सांसो की गति पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है जब आगे की तरफ झुकते हैं तो सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हैं और पुनः उसी अवस्था में आने के लिए सांसो को भरते हुए आते हैं इस स्थित का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है यह सावधानी मंडूकासन करते समय ध्यान रखनी चाहिए।
  5. गर्दन और सर का कोण सही होना चाहिए मंडूकासन करते समय गर्दन और सर का कोण सही दिशा में होना चाहिए जितना आवश्यक है उतना ही होना चाहिए।
  6. मंडूकासन को जल्दबाजी में ना करें कई बार नए साधक जल्दबाजी में मंडूकासन करना प्रारंभ कर देते हैं आसन करते समय जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए।

मंडूकासन किसे नहीं करना चाहिए।

  1. उच्च रक्तचाप वाले साधक ऐसे व्यक्तियों को मंडूकासन नहीं करना चाहिए जिनको उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की शिकायत है वह साधक मंडूकासन ना करें।
  2. गर्भवती महिलाएं जो महिलाएं गर्भवती है वह महिलाएं मंडूकासन ना करें गर्भवती महिलाओं का पेट अधिक निकला होने के कारण आगे की तरफ नहीं झुक सकती हैं ऐसा करने पर मां और बच्चे दोनों को तकलीफ हो सकती है।
  3. इंसुलिन का इंजेक्शन लगने के तुरंत बाद शरीर में शुगर की मात्रा अधिक बढ़ने पर इंसुलिन का इंजेक्शन लगाया जाता है इंसुलिन के इंजेक्शन के तुरंत बाद मंडूकासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  4. नियमित आसन करने में सावधानी शरीर को अच्छा लाभ पहुंचाने के लिए नियमित रूप से मंडूकासन का अभ्यास करना होगा तभी मधुमेह जैसी घातक बीमारी से लाभ मिल सकता है ऐसा ना करें कि एक दिन अभ्यास करने के बाद एक हफ्ते तक  अभ्यास रोक दें।

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