वज्रासन कैसे करते हैं - करने की सही विधि(VajraAsana kaise Karte hai)

वज्रासन कैसे करते है (Vajrasana kya hai)

वज्रासन का अर्थ "बलिष्ठ या बलवान" होता है वज्रासन ही एक ऐसा आसन है जो नाश्ता करने के बाद या भोजन उपरांत किया जाता है। अंग्रेजी भाषा में वज्रासन को (Diamond Pose Yoga) के नाम से जानते हैं वज्रासन करने से हमारा शरीर बलिष्ठ बलवान और ताकतवर बनता है वज्रासन करने से हमारी पाचन शक्ति स्नायु शक्ति मजबूत होती हैं यह आसन के लगातार अभ्यास से स्त्री और पुरुष के प्रजनन अंगों पर बहुत ज्यादा प्रभावी ढंग से असर पड़ता है।



वज्रासन कैसे करते है (Vajraasana kaise karate hai)


साफ-सुथरे स्थान पर चटाई या या कंबल बिछाकर  उसके ऊपर बैठ जाएंगे ।

अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा फैला देंगे कमर सीधी रखेंगे।

 इसके बाद अपने बाएं पैर को घुटनों से मोड़ते हुए अपने नितंब के नीचे ले जाएंगे पैर का तलवा ऊपर की तरफ रहेगा ।

ऐसे ही दाहिने पैर को घुटनों से मोड़ते हुए दाहिने नितंब के नीचे लाएंगे पैर का तलवा आसमान की तरफ रहेगा दोनों पैरों के अंगूठे आपस में स्पर्श करेंगे ।

इसके बाद अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनों के ऊपर ध्यान मुद्रा में रख देंगे कमर सीधी रहेगी सहजता से अपनी आंखों को बंद करेंगे और भगवान का स्मरण करेंगे यह स्थिति शुरुआती दौर में 3 से 5 मिनट तक ही करेंगे इसके बाद स्थित बड़ा करा 10 मिनट तक पहुंच सकती है हम आसन उतने ही देर तक करेंगे जितनी देर हमारे पैर और कमर में दर्द ना हो।

अभी तक आप ने (वज्रासन कैसे करते है) लेख में जाना की सही तरीका क्या है आसन करने का। अब आप आगे जानेंगे की वज्रासन करने के क्या फायदा है।

वज्रासन करने के लाभ 

  1. आंखों की ज्योति में लाभ लगातार अभ्यास करने से आंखों की ज्योति दुरुस्त रहती है।
  2. वीर्य धारा नाड़ी में लाभ वज्रासन के अभ्यास से पुरुषों में वीर्य धारा नाड़ी मजबूत होता है पुरुषों में वीर्य को प्रवाहित करने वाली नाड़ी को बलिष्ठ बनाकर स्तंभन शक्ति को बढ़ाता है।
  3. मन की चंचलता को दूर करने में लाभ स्त्री और पुरुष में चंचलता को दूर करता है चंचलता दूर होने से मस्तिष्क स्थिर होकर शांति प्रदान करता है और एकाग्रता बढ़ता है।
  4. रीढ़ की हड्डी मजबूत बनाने में लाभ  रीढ की हड्डी मजबूत होती है और घुटनों के दर्द में लाभदायक है।
  5. मासिक चक्र में लाभ महिलाओं में मासिक धर्म की शिकायत को दूर करता है।
  6.  पुरुष में शुक्र दोष में लाभ पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने में वज्रासन बहुत लाभदायक है।
  7.  धातु रोग में  लाभ अधिकतर पुरुषों में यह रोग पुरुषों में सामान्य तौर पर देखने को मिल जाता है वज्रासन के नियमित अभ्यास से धातु रोग में भी लाभ मिलता है। 
  8. मानसिक एकाग्रता में लाभ वज्रासन का नियमित तौर पर लगातार अभ्यास से मानसिक प्रसन्नता आती है और एकाग्रता मिलती है।
  9. पेट संबंधी समस्त प्रकार के रोगों में लाभ वज्रासन के नियमित अभ्यास से पेट के समस्त प्रकार के रोग को दूर करता है।
  10. वायु विकार में लाभ कब्ज एसिडिटी वायु विकार पेट का साफ ना होना अपच, अधिक खाना खा लेने के बाद होने वाले समस्या में लाभदायक है।
  11. पाचन क्रिया में लाभ वज्रासन करने से पाचन क्रिया में लाभ मिलता है यही केवल एक ऐसा आसन है जो खाना खाने के तुरंत बाद किया जा सकता है भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठने से पाचन क्रिया मजबूत होती है।
  12. स्वप्नदोष में लाभ आज के आधुनिक समय में अश्लीलता हर जगह देखने को न चाहते हुए भी दिख जाती है मोबाइल, इंटरनेट, टीवी आदि से बच्चे व नव जवान सभी जुड़े हैं। ऐसे में जो अश्लीलता देखने को मिलती है वह रात्रि में सोने पर सपने में वही सब आता है और रात्रि में वीर्य शरीर से बाहर निकल जाता है।स्वप्नदोष से तभी निजात मिल सकती है जब अश्लीलता से दूर रहे तामसी भोजन का सेवन न करे और वज्रासन नियमित रूप से करते रहे।


वज्रासन करने के सावधानियां(Vajraasana karane ke savdhaniya)


  1. घुटनों में समस्या वज्रासन करते समय घुटने को मोड़ कर बैठा जाता है। अधिक देर तक बैठने से घुटनों में दर्द होने लगता है, जिनके घुटनों में अधिक दर्द होता है या हाल ही में घुटनों की सर्जरी कराई हो तो वह व्यक्ति या आसन ना करें।
  2. गर्भवती महिलाएं वज्रासन प्रेग्नेंट महिलाएं करते समय ध्यान दे कि उनके पैरों की बीच की दूरी सामान्य से थोड़ी अधिक हो जिससे उनका बड़ा हुआ पेट अर्जेस्ट हो सके। प्रेग्नेंट महिलाएं अधिक देर तक वज्रासन को ना करें।
  3. रीड की हड्डी पर अधिक बल ना दें वज्रासन करते समय ध्यान रखने वाली बात यह है कि रीड की हड्डी पर अधिक बल नहीं लगना चाहिए जितना संभव हो उतनी देर तक ही आसन को करें वह रीड की हड्डी पर जोर दें।
  4. आंतों में अल्सर जिन साधकों के आंतों में अल्सर की समस्या है वह साधक वज्रासन ना करें।
  5. हर्निया के पेशेंट असम को वज्रासन को वे साधक ना करें जिनको हर्निया की समस्या है।
  6. बड़ी या छोटी आत में समस्या ऐसे व्यक्ति को वज्रासन नहीं करना चाहिए जिनकी बड़ी आत में समस्या हो उनको वज्रासन करने से परहेज करना चाहिए।
  7. जल्दबाजी में आसन ना करें वज्रासन करते समय बहुत ही सावधानी से आराम पूर्वक वज्रासन को करें वज्रासन करते समय तनिक भी जल्दबाजी ना करे।
  8. उच्च रक्तचाप high blood pressur ऐसे व्यक्ति वज्रासन ना करें जिनको उच्च रक्तचाप की शिकायत बनी रहती है अधिक उच्च रक्तचाप होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  9. तनाव की स्थिति में सावधानी वज्रासन करते समय किसी भी प्रकार की सोच वा चिंता को दूर हो कर के ही अभ्यास को आरंभ करें।
  10. सांसों की गति पर ध्यान वज्रासन करते समय सांसो की गतिविधि ध्यान देना अति आवश्यक है ना ज्यादा तेज गति से सांस लेना है और ना ही धीमी गति से सांस लेना है सांसो की गति सामान्य होने चाहिए।
  11. ढीले ढाले वस्त्रों का चयन वज्रासन करते समय सही वस्तुओं का चुनाव करना चाहिए वस्त्र ढीले ढाले पहनने चाहिए क्योंकि घुटने को मोड़ने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना उत्पन्न हो सके।
  12. गंभीर हृदय रोग में सावधानी वज्रासन को करते समय गंभीर हृदय रोगी आसन को किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में करें । योग शिक्षक बार-बर योगासन के दौरान साधक की नारी को चेक करता रहे।

निष्कर्ष: वज्रासन कैसे करते हैं लेख के माध्यम से आप ने जाना कि किस तरह वज्रासन करते है वज्रासन करने के क्या लाभ है तथा क्या सावधानी है वज्रासन कैसे करते हैं लेख में कुछ सुझाव देना है तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिख कर सूचित करे।
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