Kabaddi skills श्रेणी श्रंखला में यह पांचवा पोस्ट है Kabaddi skills श्रंखला को आगे बढ़ाते हुए जानेंगे कि कबड्डी में एंकल होल्ड स्किल कैसे करते है। इससे पहले की तीन कबड्डी स्किल्स की पोस्टों में जाना की हैंड टच स्किल,टो टच स्किल, थाई होल्ड स्किल कैसे करते है तथा कबड्डी श्रेणी श्रंखला की पहली पोस्ट में जाना कि कबड्डी इतिहास क्या है। तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि कबड्डी कि महत्यपूर्ण जानकारी। कबड्डी खेल का जन्मदाता भारत है विश्व की प्रथम प्रतियोगिता 1987 Calcutta (SAF Game) में हुआ था। भारत की प्रथम प्रतियोगिता 1918 सतारा (महाराष्ट्र) में खेला गया। विश्व कबड्डी संघ international Kabaddi federation (I.K.F) की स्थापना 2004 में मुंबई में हुई। और इसके President Mr. Janardhan Gelhlot (India) थे। इसका Head quarter Jaipur (Rajasthan) India में है। Asian Kabaddi federation (AKF) के president Mr. Janardhan Gelhlot (India) के है। इसका Head Quarter Jaipur Rajasthan India में है। भारतीय कबड्डी संघ (Kabaddi federation of India) की स्थापना 1950 में हुई थी। तथा इसके प्रथम अध्यक्ष एच.के. गौड वाले थे। और वर्तमान अध्यक्ष Sikander Singh Maluka हैं। तथा इसका मुख्यालय कलकत्ता में है। कबड्डी खेल को अभी तक ओलंपिक में शामिल नहीं किया गया। एशियाई खेल में कबड्डी को 1990 बीजिंग चीन केवल पुरुष कबड्डी शामिल की गई महिला के लिए कबड्डी खेल एशियाई खेलों में 2010 Guangzhou (China) में शामिल किया गया। कबड्डी खेल में प्रथम अर्जुन पुरस्कार सदानंद शेट्टी को 1972 में दिया गया था तथा कबड्डी खेल में प्रथम द्रोणाचार्य पुरस्कार ई. प्रसाद राव को 2002 में दिया गया। कबड्डी खेल को राष्ट्रीय प्रतियोगिता के रूप में पुरुष टीम को 1952 में स्कूल नेशनल में खेला गया था। तथा महिला टीम 1952 कोलकाता स्कूल नेशनल में खेला गया था।
Kabaddi Ankle Hold Skill कैसे करें।
कबड्डी खेल दो टीमों के बीच का स्पर्धा खेल है स्पर्धा के दौरान डिफेंडर खिलाड़ी रेडर खिलाड़ी के पंजे को हाथों से पकड़ता है इस पकड़ को एंकल होल्ड कहते हैं।
रेडर कबड्डी कोर्ट के मध्य रेखा क्रास करके विरोधी खिलाड़ी के पैर के पंजे से टच करने का प्रयास करता है तो उस स्थित में विरोधी खिलाड़ी पैर को पकड़ लेता है। एक पॉइंट विरोधी खिलाड़ी को प्राप्त हो जाता है।
Ankle Hold Skill करने में सावधानी।
रेडर द्वारा यह स्किल बहुत तीव्र गति में किया जाता है तथा डिफेंडर द्वारा उसी तीव्र गति में पैर को पकड़ना होता है। पड़क इतनी मजबूत होनी चाहिए कि छूटे नहीं।
पैर पकड़ने के दौरान खिलाड़ी को अपने कोर्ट में से बाहर न जाने दे।
पैर पकड़े के दौरान अन्य खिलाड़ी रेडर को पीछे से पकड़ ले जिससे वह खिलाड़ी अपने कोर्ट में न जा पाए और आउट हो जाए।
एंकल होल्ड करने के बाद दूसरा खिलाड़ी भी पैर को मजबूती से पकड़ ले जिससे कि रेडर छलांग लगाने व झिट्टा मरने पर भी हाथों से पैर न छूटे। अगर रेडर पकड़ से छूट गया तो जितने डिफेंडर खिलाड़ी स्पर्स हुऐ होंगे सभी खिलाड़ी आउट माने जायेंगे और अंक रेडर टीम को प्राप्त होंगे।
एंटी टीम का खिलाड़ी रेडर का एंकल पकड़ के ऊपर की ओर उठता है ऐसी स्थित में रेडर को सतर्क रहना चाहिए की कही चोट की चपेट में ना जाए।
एंकल होल्ड करने के बाद कई खिलाड़ी रेडर पकड़ सकते है लेकिन सतर्क रहे कही रेडर छूट गया तो जितने खिलाड़ी पकड़े थे सभी आउट माने जायेंगे।