गोमुख आसन कैसे करते हैं - लाभ तथा सावधानियां

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गोमुखासन "Cow Face Pose" 

गोमुख आसन कैसे करते हैं लेख से जानेंगे कि गोमुख आसन कैसे किया जाता है गोमुख को और किन नमो से जाना जाता है गोमुख आसन करने के क्या लाभ है तथा आसन करते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए। 


गोमुखासन के तीन प्रमुख नाम।

गोमुखासन को हम और तीन नामों से जानते हैं गोमुखासन को English में "कॉउ फेस वॉश" कहते हैं और "गोमुख" आसन संस्कृत भाषा से लिया गया है । अगर हम इसका अर्थ निकाले तो गो और मुख गो का अर्थ गाय और मुख का अर्थ गाय का मुख है । और यह आसन करते समय हमारे शरीर के दोनों पैर गाय के मुख के समान हो जाते हैं । इसलिए इस आसन को गोमुख आसन का नाम दिया गया है, यह आसन स्त्री और पुरुष को बहुत ही ज्यादा लाभप्रद है यह आसन करने से स्त्री रोग और पुरुष रोग दूर हो जाते हैं। 


गोमुखासन कैसे करते है - सही विधि

गोमुखासन करने के लिए सबसे पहले हम अपने दोनों पैर को सामने की ओर फैलाएंगे और अपने कमर को सीधा करेंगे।

इसके बाद अपने दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पैर के नितंब के नीचे ले जाते हुए रखेंगे । फिर उसके बाद बाएं पैर को दोनों हाथों से उठाकर के घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के ठीक घुटने के ऊपर रखेंगे और देखेंगे कि क्या दोनों घुटना ऊपर नीचे हैं अगर दोनों घुटने ऊपर नीचे हैं तो स्थित सही है।

इसके बाद अपने बाएं हाथ को सीधा उठाएंगे और उठाने के बाद उस हाथ को पीठ के पास पीछे की ओर ले आएंगे फिर दाहिने हाथ पीछे से ले जाकर के बाएं हाथ को पकड़ेंगे ध्यान देने वाली बात यह है कि जो पैर हमारा ऊपर रहेगा वही हाथ हमारा ऊपर रहेगा । और जो पैर नीचे है वह हाथ पीछे जाकर नीचे से पकड़ेगा । 

अब धीमे-धीमे इस स्थित को तोड़ेंगे जैसा कि सबसे पहले हमने अपने दाहिने पैर को दाएं नितंब के नीचे रखा था । वैसे ही अब हम अपने बाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए दाहिने नितं के नीचे रखेंगे और दाएं पैर को घुटने से मोटे हुए बाएं पैर के ऊपर रखेंगे और घुटना देखेंगे कि ऊपर नीचे है या नहीं जो पैर ऊपर रहेगा वह हाथ ऊपर उठाएंगे और हाथ सर के ऊपर से पीछे लेकर जाएंगे और दूसरे हाथ से नीचे से लाकर पकड़ेंगे यह आसन शुरुआत में 3 से 5 बार करना चाहिए।

अभी तक आप ने गोमुख आसन कैसे करते हैं लेख से जाना कि गोमुख आसन को ओर किस नाम से जाना जाता है। गोमुख आसन करने की सही विधि और अब आप जानेंगे की गोमुख आसन के क्या फायदा तथा सावधानी क्या है।

गोमुखासन करने का सही समय। (Gomukhasana asana karane ka sahi samay)

गोमुखासन करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में नित्य क्रिया से संपन्न होकर के योग साधक खाली पेट आसन को प्रतिदिन अभ्यास में लाएं। शुरुआत में साधक एक हफ्ते तक एक सेट का अभ्यास करें और धीरे-धीरे सीटों की संख्या बढ़ाएं। साधक दक्षता को पूर्ण कर लेने के पश्चात प्रतिदिन दो से तीन सेट लगा सकते हैं।

गोमुख आसन करने के लाभ (What is the benefit of gomukhasana)

  • 1.अस्थमा वाले रोगियों के लिए आसन बहुत ही लाभदायक है या आसन करने से फेफड़े मजबूत हो जाते है जो व्यक्ति अस्थमा रोग से ग्रसित है या इनहेलर प्रतिदिन 4 से 5 बार लेते हैं एवं व्यक्तियों का फेफड़ा कमजोर होता है उन व्यक्तियों के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक है।
  • 2.गोमुख आसन करने से दोनों हाथों की भुजाएं मजबूत हो जाती हैं कंधे के दर्द में भी लाभदायक होता है व्यक्तियों के कंधों में लगातार दर्द बना रहता है उन साधकों के लिए यह आसन अधिक लाभप्रद है और ऐसे व्यक्तियों को प्रतिदिन आसन को करना चाहिए।
  • 3. गोमुख के नेट अभ्यास से रीड की हड्डी सीधी रहती है और कूल्हों का दर्द में लाभदायक होता है जिन व्यक्तियों के रीड की  हड्डी में टेढ़ापन हो जाता है और कूल्हों में लगातार दर्द बना रहता है प्रतिदिन के अभ्यास से धीमे धीमे सुधार आने लगता है।
  • 4. गोमुखासन के द्वारा बवासीर को रोकने के लिए बहुत ही अच्छा आसन माना गया है ऐसे साधक जिनको सोच क्रिया के समय रक्त आता है उन साधकों के लिए यह आसन लाभ पहुंचाता है इस आसन को दैनिक अभ्यास में लाने पर।
  • 5. स्त्री और पुरुष को शारीरिक समस्या होने पर गोमुख आसन के द्वारा सेक्सुअल समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही अच्छा आसन है। स्त्री और पुरुष के जननांग की समस्या इस आसन के द्वारा दूर होता है।
  • 6. मानसिक तनाव जिन व्यक्तियों को मानसिक तनाव अधिक रहता है गोमुखासन करने से मानसिक तनाव कम हो जाता है और शरीर को  तनाव रहित रखता है।
  • 7. मानसिक चिंता जिन व्यक्तियों को हमेशा चिंता सताए रहती है ऐसे व्यक्तियों को गोमुखासन करने से लाभ मिलेगा और शरीर को चिंता मुक्त रखकर के स्वस्थ बनाता हैं।
  • 8. शारीरिक मोटापा गोमुख के नित्य अभ्यास करने से मोटा शरीर पतला होने लगता है कंधे एवं साइड इफेक्ट को कम करता है।
  • 9. वजन कम करने में सहायक जिन व्यक्तियों का या महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा है उन योग साधकों को वजन कम करने में गोमुखासन सहायक होता है।
  • 10. मासिक धर्म की मस्सा समस्या जिन स्त्रियों को मासिक धर्म में समस्या का सामना करना पड़ता है इस आसन को करने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।

गोमुख आसन करने में सावधानियां।

  1. ऐसे व्यक्ति यह आसन बिल्कुल ना करें जिनके कंधों में अत्यधिक दर्द होता है वह व्यक्ति गोमुखासन ना करें।
  2. गोमुखासन करते समय हाथ को पीछे ले जाने की स्थिति बनती है ऐसी स्थिति में अगर हाथ आपस में नहीं जुड़ पा रहे हैं तो जबरजस्ती ताकत लगा कर के हाथों को जोड़ने का प्रयास ना करें।
  3. ऐसे साधक जिनके रीड की हड्डी में कोई जटिल समस्या है तो या दर्द होता है तो ऐसे साधक गोमुखासन करने से परहेज करें।
  4. गर्भवती स्त्रियां गोमुखासन को शुरुआती दिनों में कर सकती हैं परंतु 2 महीने के पश्चात इस आसन को ना करें।
  5. खूनी बवसीर आने लगे तो गोमुखासन कुछ समय के लिए रोक दें। एवं रोग सही होने लगे तो गोमुख आसन का अभ्यास प्रारंभ कर दें।
  6. गोमुखासन को समतल स्थान पर कुचालक वस्तु को बिछा करके योग का अभ्यास प्रारंभ करें।
  7. जिस स्थान पर गोमुख आसन का अभ्यास करें वह स्थान खुला होना चाहिए एवं शांतिपूर्ण अस्थान हो ऐसे स्थान पर गोमुखासन ना करें जहां पर बहुत ज्यादा शोरगुल होता हो।
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