शॉट पुट (Shot Put) गोला फेंक कैसे फेंकते हैं जानकारी एवं इतिहास TGT,PGT physical education नोट्स

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शॉट पुट (Shot Put) गोला फेंक का इतिहास।

गोला फेंक प्रतियोगिता का आयोजन कहां से आरंभ हुआ है किसने आरंभ किया है इसका ठीक से कुछ भी पता नहीं है लेकिन या बिल्कुल निश्चित है कि यूनान ओलंपिक में आयोजित प्रथम प्रेक्षण स्पर्धा प्रतियोगिता में गोला एक प्रक्षेपण प्रतियोगिता सम्मिलित के गई थी।
उस दौरान ओलंपिक में जो प्रतियोगी भाग लेता था वह प्रतियोगी निश्चित पिंड में दौड़कर गोला फेंका था। जिसकी फेंकने की दूरी ज्यादा होती थी वही विजेता घोषित होता था। ओलंपिक में शॉट पुट खेल पुरुषों ने सन् 1896 में खेला था और प्रथम बार ओलंपिक खेल में महिलाओं ने शॉट पुट सन् 1948 में खेला था। और आधुनिक समय में गोला फेंक के निश्चित निर्धारित नियम बनाए गए हैं जो निम्न प्रकार से हैं।

शॉट पुट (Shot Put) गोला फेंक कैसे फेंकते हैं

शॉट पुट (Shot Put) गोला फेंक का नियम।

  1. गोला एक गोलाकार क्षेत्र से फेंका जाता है।
  2. जिसका व्यास 2.135 मी. या 5 मिमी. फिट होता है।
  3. गोलाकार क्षेत्र के मध्य से गोला फेंकने का कोण 34.92अंश होता है।
  4. जिसको आगे दो लाइन से 20 मी. तक चिन्हित किया जाता है।
  5. गोला फेंकने में 8 से कम प्रतियोगी में प्रत्येक खिलाड़ी को 6 ट्रायल्स मिलते हैं।
  6. अन्य प्रतियोगी को 3-3 दिन ट्रायल मिलते हैं।
  7. लाइनों की मोटाई 5 सेंटीमीटर होती है।
  8. गोलाई के साइड में 75 सेंमी. तक लाइन बढ़ाई जाती है।
  9. वृत्त पर लगने वाले रिम की मोटाई 6 मिमी. होती है।

शॉट पुट (Shot Put)

Shot Put में (Stop Board) स्कोर बोर्ड की माप ।

शॉट पुट स्टॉप बोर्ड लकड़ी का या अन्य किसी धातु का ठोस सफेद रंग का आगे के भाग पर लगा होता है। Stop board के आंतरिक भाग का आकृति अर्धचंद्राकार बना होता है इसको दोनों सेक्टर लाइन के बीचोबीच मध्य रखा जाता है। बोर्ड 1.22 मी. लम्बा 10 सेमी. ऊंचा 11.2 सेमी. चौड़ा होता है। शॉट पुट का विशिष्ट वर्णन निम्नलिखित है -

Shot Put (Stop Board) स्कोर बोर्ड माप

शॉट पुट में गोले का भार और व्यास कितना होता है।

1. शॉट पुट में पुरुष गोले का भार 7.26 किग्रा. होता है।
2. शॉट पुट में महिला गोले का भार 4 किग्रा. होता है।
3. शॉट पुट में पुरुष गोले का व्यास 110 मिमी. से 130 मिमी. होता है।
4.शॉट पुट में महिला गोले का व्यास 95 मिमी. से 110 मिमी. होता है।

गोला फेंक (Shot Put) शॉट पुट कौशल की तकनीक को 7 चरणों (Phase) में विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार से है। 

1.पकड़ (The Grip) गोला फेंक में जिस भी तकनीक से गोले को फेंके उस तकनीक से गोले पर पकड़ अच्छी होनी चाहिए।
2.गोले को रखना (The Placement Of The Shot) गोले को हाथ से पकड़ कर कंधे के पास सही से रखना।
3.स्टांस (The Stance) गोला फेंकने की स्थिति में तैयार हो जाना।
4.सरकाना , लेग हवा में ,टी (T) मुद्रा बनाना तथा विस्थापन (The Glide, Leg Swing,T. Position & Shift) सावधान की स्थिति में खड़े होने के पश्चात एक पैर को पीछे की ओर करते हुए एक हाथ को सामने की तरफ तथा दूसरे हाथ में गोले को लेकर कंधे के पास रखना यह स्थित (T) स्थित बना देती है।
5.गोला को फेंकना (The Delivery) गोला फेंक में(T) की स्थिति बनने के बाद गोले को सामने की तरफ पूरी ताकत से  फेंकते हैं।
6.विपरीत दिशा में गति करना (The Reverse) गोला को  फेंकने के बाद पुन: स्टांस की स्थिति में आ जाना होता है।
7.वृत्त पार करना (Clearance the Circle) गोला हाथ से छूटने के बाद ही सर्किल के बाहर जाने के लिए सामने से न निकल कर के पीछे पावस आकार के बहा निकले।

शॉट पुट कौशल की तीन तकनीक होती है जो निम्न प्रकार हैं -
1.परंपरागत स्टाइल
2.पैरी ओब्राइन स्टाइल
3.डिस्कोपट स्टाइल


एशियाई चैंपियनशिप साल 2019 में तेजिंदरपाल तूर सिंह ने 20.92 मीटर गोला फेक कर स्वर्ण पदक विजेता बन कर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया।

शॉट पुट ग्लाइड तकनीक


शॉट पुट को चार अलग-अलग चरणों में तोड़ा जा सकता है। तैयारी/ग्लाइड/डिलीवरी और रिकवरी।
तैयारी - फेंकने वाला ग्लाइड शुरू करने के लिए सही तरीके से सेट होता है।
ग्लाइड - थ्रोअर और शॉट पुट को पूरे सर्कल में त्वरित किया जाता है और डिलीवरी के लिए तैयार किया जाता है। 
डिलीवरी - शॉट पर अतिरिक्त वेग पहले शरीर की एक क्रमिक जोरदार क्रिया द्वारा लगाया जाता है।
रिहाई - रिकवरी थ्रोअर फाउलिंग से बचने के लिए पैरों की स्थिति को उलट देता है।


मेग्रिप और प्लेसमेंट
शॉट उंगलियों में संतुलित होना चाहिए और आराम की स्थिति में आना चाहिए। जहां उंगलियां हथेली से मिलती हैं।
उंगलियों को समान रूप से फैलाना चाहिए लेकिन फिर भी एक साथ बंद होना चाहिए थंब शॉट के खिलाफ धीरे से आराम करता है शॉट को जबड़े के नीचे (सामने कान के सामने) रखा जाना चाहिए।
इस पोजीशन में सपोर्ट करने के लिए हाथ शॉट को गर्दन में दबाता है।
तैयारी चरण

फेंकने वाला अपनी पीठ के साथ फेंकने की दिशा में सर्कल के पीछे एक सीधी स्थिति में शुरू होता है।

धड़ जमीन के समानांतर आगे झुक जाता है और संतुलन एक पैर (एकल समर्थन) पर बना रहता है।

सहायक पैर एक लंबी स्थिति से मुड़ी हुई स्थिति में जाता है। झूलता हुआ पैर एक विस्तारित स्थिति से जाता है और फिर समर्थन पैर के पीछे वापस आ जाता है।

गोला फेंक में सावधानी 

गोला फेंक के समय गोली की पकड़ मजबूत होनी चाहिए एवं गोले को कंधे के पास सही से रखें।

गोला फेंक के समय शरीर की स्थित T आकार में होना अति आवश्यक है क्योंकि अगर ठीक ही स्थित सही से ना बन पाई तो गोला अधिक से अधिक दूर नहीं जा पाएगा।

गोला फेंक वृत्ताकार क्षेत्र से फेंका जाता है गोला फेंक के समय ध्यान रखने वाली बात यह है कि गोला फेंक के समय पर गोले के बाहर ना जाए अगर पैर गोले के बाहर चला गया तो फाउल माना जाएगा।

गोला फेंक के समय जिस तकनीकी का प्रयोग करते हैं उस तकनीकी के सभी नियमों का पालन करते हुए गोले को अधिक से अधिक बल लगाकर सामने की तरफ फेकना चाहिए।

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