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 Need & Importance of Modern Society Yoga(आधुनिक समाज की आवश्यकता और महत्व योग)

आधुनिक युग में योग भारत में ही नही कार्यों विश्व भर में इस विधा का शोध के आधार पर अत्यधिक प्रचार-प्रसार हुआ है। आज का युग मशीनी युग है। जिसने मनुष्य को गौरीरिक काम तथा मानसिक मेहनत अधिक करनी पडती है। जिससे उसका शारीरिक और मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। और वह कई बिमारियों हो जाता है। जैसे रक्तचाप, मधुमेह, कब्ज हृदय रोग, जोड़ों का दर्द मोटापा इत्यादि इन रोगो से मुक्ति पाने के लिए योगासनो का सहारा लेना ही पड़ेगा आधुनिक युग में विभिन्न क्षेत्रों में योग का अत्याधिक महत्व है।

भले ही विज्ञान की उन्नति ने हमें वो सभी सुख सुविधाएँ प्रदान की है जिससे हमारा जीवन आसानी से व्यतीत हो जाए मगर मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग के सिवाय विज्ञान के पास भी कोई सहारा नही है। योग विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधिक योगदान जिसका उल्लेख निम्नलिखित विविरण से स्पष्ट किया जा रहा है।

Need & Importance of Modern Society Yoga(आधुनिक समाज की आवश्यकता और महत्व योग)

योग द्वारा क्षेत्रो में रोगोपचार

  1. स्वास्थ्य क्षेत्र में
  2. रोगोपचार क्षेत्र में 
  3. खेल-कूद के क्षेत्र में
  4. शिक्षा के क्षेत्र में
  5. बचावीय औषधि के क्षेत्र 
  6. सामाजिक क्षेत्र में
  7. आध्यात्मिक क्षेत्र में
  8. नैतिक मूल्यों में आर्थिक क्षेत्र में
  9. अनुसंधान क्षेत्र में 
  10. अन्तरिक्ष क्षेत्र में 
  11. देश रक्षा के क्षेत्र में
  12. औद्योगिक क्षेत्र में
  13. स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्व
1.स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्व मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हमारे जीवन में योग अत्यंत उपयोगी है शरीर मन रूप आत्मा बीच सन्तुलन बनाए रखने में मदद करता शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखने में मदद और शरीर के Yoint मजबूर तथा mushes में Plexibility लाता है, गारीरिक विकृतियों को काफी हद तक ठीक रखता है। Blood circulation को सुचारू करता तथा digestive System को मजबूत बनाता हैं।

2.रोगोपचार के क्षेत्र में निः सदेह आज के इस प्रतिस्पर्धा, व विलसिता के युग में अनेक रोगों का जन्म हुआ है जिन पर योगाभ्यास से विशेष लाभ देखने को मिला है, आज देश ही नही बल्कि विदेशों में अनेक स्वास्थ्य से सम्बंधित संस्था योग चिकित्सा पर तरह- तरह के शोध कार्य कर रही है आज योग के द्वार उच्च व निम्न रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, चिन्ता आदि रोगी पर, प्रभावी रूप से उपचार किया जा रहा है तथा अनेक लोग लाभन्वित हो रहे है। 

3.खेल कूद के क्षेत्र मे विभिन्न प्रकार के खेलों में ख़िलाड़ी अपनी कुशलता, क्षमता व योग्यता आदि योग अभ्यास की बढाने के लिए सहायता लेते है। योगाभ्यास से जहाँ खिलाड़ी में तनाव के स्तर में कमी आती एकाग्रता और इससे खिलाडियो व दूसरी वृद्धि, बुद्धि तथा शारीरिक क्षमता भी बढ़ती है। योग के प्रभावों पर भी अनेक Research हो चुकी है जो कि खेल कूद के क्षेत्र में महत्व की सिद्ध करते है।
4.शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में योग बहुत ही आवश्यक क्योंकि आज के वर्तमान युग में ज्यादातर छात्र व छात्राएँ शारीरिक मानसिक रूप से स्वस्थ रहते है। जिनके कारण उनमें शिक्षा का विकास जितना होना चाहिए उतना नहीं हो पा रहा है। यदि उन्हे जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति करनी है तो योग का अभ्यास आवश्यक है। खासकर छात्र योग के बल, पर अपने मस्तिष्क को शुद्ध करके विचार शक्ति को बढ़ा सकते है।

5.सामाजिक क्षेत्र में महत्व, इस बात में कोई संदेह नही है कि एक स्वस्थ्य  नागरिक से स्वस्थ परिवार बनता है। तथा एक स्वस्थ व संस्कृत एक परिवार में आदर्श समाज की स्थापना होती है। आज Competition के इस युग मे व्यक्ति विशेष पर व सामाजिक गतिविधियों पर प्रभाव पड रहा है। कर्म योग, हट योग भक्ति योग आदि साधन समाज को नई रचनात्मक व शांति दायक दिशा प्रदान कर रहे हैं। कर्म योग का सिद्धात पूर्ण सामाजिकता का ही आधार है सभी सूरती हो सभी निरोगी हो इसी उद्देश्य के सांय में योग समाज को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है।

6.आध्यात्मिक क्षेत्र में मानव जीवन में आर्थिक स्तर और योग का सीधा सम्बंध है शास्त्रों में वर्णित 'पहला सुरत निरोगी काया' बाद में " धन और माया " के आधार पर योग विशेषज्ञों ने पहला धन निरोगी काया शरीर को माना है। एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी प्रति व्यक्ति आय की बढ़ा सकता है। आजकल तो योगाभ्यास के अन्तर्गत आने वाले साधन आसन, प्राणायाम, ध्यान बडे-बडे उद्योगपति व फिल्म जगत के प्रसिद्ध लोग अपनी कार्य क्षमता को बढ़ाते हुए देखे जा सकते है। विदेशों से सैकड़ो सैनानी भारत मे आकर योग प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
7.पारिवारिक क्षेत्र में योग के अभ्यास व इसके दर्शन से व्यक्ति अपनात्व एव सदाचार निः संदेह राह गुण एक प्रेम आत्मीयता, जैसे गुणों का स्वस्थ परिवार की आधारशिला होती है। भारतीय शास्त्रों में तो गृहस्थ जीवन को भी गृहस्थ योग की सत्ता देकर जीवन में इसका विशेष महत्व बताया है।
 
8.आर्थिक क्षेत्र में महत्व प्रत्यक्ष रूप से व योग का आर्थिक दृष्टि से महत्व नजर आता है एक स्वस्थ व्यक्ति जहाँ अपने आय के साधनों का विकास कर सकता है वही अधिक परिश्रम से व्यक्ति अपनी आय को बढ़ा सक्ता जबकि दूसरी तरफ शरीर में किसी भी प्रकार का रोग ना होने के कारण व्यक्ति का दवाइयों से उपचार पर होने वाला व्यय भी बचाता है।

9.अनुसंधान के क्षेत्र मे अनुसंधान के क्षेत्र में अंग के लाभ  के बारे में पता चलता हैं। Heart diseases, blood Circulation. Problem इसमें बहुत ही कारीगर सिद्ध हुआ है  ये सब भी Research करने पर पता  चलता है।

10.अन्तरिक्ष के क्षेत्र में योग का महत्व इसीलिए पड़ गया मनुष्य जाति की अब और आगे प्रगति करनी है। तो योग सीखना ही होगा । अन्तरिक्ष में जाना नए ग्रहो की खोज करना शरीर और अक्ष को स्वस्थ और संतुतित रखते हुए अंतरिक्ष में लम्बा समय विताना है तो विज्ञान योग को महत्व और महत्व को समझना होगा।

अतः योग पडता है का हर क्षेत्र में प्रभाव कोई भी क्षेत्र योग से अछूता नही है। यह हमारी Moden Society से healthy उसकी तरक लेकर जाता है।
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