Shree Krishna janmashtami Kyun Manai Jati Hai : श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में प्राचीन काल से ही बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष भी 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जा रहा है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान के अवतार के रूप में मनाया जाता है ज्योतिष गणना के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र पद मास के अष्टमी को रोहाणी नक्षत्र में हुआ था। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण देवकी के कोख से जन्म लिया था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी मथुरा और वृंदावन में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के एक जिला अमेठी से 45 किलोमीटर की दूरी पर ग्रामसभा पन्हौना के अंर्तगत ठाकुर द्वारा कोट में बहुत ही धूमधाम से शाम 7:00 बजे से रात्रि 12:00 तक जन्मोत्सव मनाया जाता है। जिसका वीडियो नीचे दिया गया है।
आइए जानते है Shree Krishna janmashtami Kyun Manai Jati Hai श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है के बारे में।
Shree Krishna janmashtami Kyun Manai Jati Hai श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है
श्री कृष्ण जन्माष्टमी वर्ष के भादो मास में अष्टमी तिथि पर पड़ता है भादो मास के अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र में भगवान विष्णु आठवें संतान श्री कृष्ण के रूप में देवकी के कोख से जन्म लिया था। भगवान श्रीकृष्णा कंस कारागार में होने के पश्चात वासुदेव जी भगवान कृष्ण को नंद बाबा के यहां छोड़ आए थे। श्री कृष्ण का बाल्यकाल अवस्था नंद ग्राम में बीता ।
कंस बहुत आताताई था उसके अत्याचारों से संसार से मुक्त करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। भगवान कृष्ण के जन्म से गोकुल नगरी में उत्साह और उमंग की लहर दौड़ पड़ी थी।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का इतिहास Shri Krishna Janmashtami ka itihaas
श्री कृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के अष्टमी तिथि के रोहिणी नक्षत्र को प्राचीन काल से मनाया जा रहा है इसी दिन भगवान का जन्म देवकी जी के कोख से हुआ था तभी से लेकर आज तक के जन्म दिवस पर बहुत ही हर्षोल्लास के साथ जन्मोत्सव मनाया जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व Shri Krishna Janmashtami ka mahatva
इस महोत्सव पर भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है भक्तगण इस दिन विधी विधान से पूजन अर्चन करते हैं भगवान उनकी मनोकामना को पूरा करते हैं। श्रद्धालु इस दिन व्रत रहते हैं ।
भविष्योत्तर पुराण में भगवान कृष्ण युधिष्ठिर को कहते हैं कि 20 करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेला श्री कृष्णा जन्माष्टमी व्रत है।
ब्रह्म वैवर्त पुराण में धर्मराज सावित्री से कहते है कि भारतवर्ष में रहने वाला जो प्राणी श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है वह एक हजार जन्मों के पापों से दूर हो जाता है।